सौरभ शर्मा पिछले साल दिसंबर में उस समय सुर्खियों में आया था जब लोकायुक्त पुलिस ने उसके ठिकानों पर छापे मारकर नकदी और चांदी की सिल्लियां जब्त कीं। आयकर विभाग ने भी 19 और 20 दिसंबर 2024 की दरमियानी रात उसके साथी चेतन सिंह गौर की कार से 52 किलो सोना व 11 करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे।
अकूत दौलत देखकर लोगों की आंखें खुली रह गईं। परिवहन विभाग के एक सामान्य से पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की काली कमाई देखकर हर कोई हैरान रह गया था। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी 27 दिसंबर 2024 तथा 17 जनवरी 2025 को छापामार कार्रवाई की।
मां, पत्नी और सास के नाम से कई शहरों में प्रॉपर्टी
सभी जांच एजेंसियों के निष्कर्ष में यह सामने आया कि बिल्डर सौरभ शर्मा ने खुद के साथ ही अपने रिश्तेदारोें और सहयोगियों के नाम पर भी अनेक बेशकीमती प्रॉपर्टी बनाई। उसने अपनी मां, पत्नी और सास के नाम से कई शहरों में प्रॉपर्टी खरीदी।
संपत्ति वापस नहीं की जाएगी
सौरभ शर्मा के स्कूल के ऑफिस में प्रॉपर्टी के कागजात, बैंकों की पासबुक, चेक्स और वसीयत नामों के साथ 500 से ज्यादा दस्तावेज मिले थे। उसकी 90 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी अटैच कर ली गई हैं। सौरभ शर्मा के वकील ने संपत्तियों के दस्तावेज वापस करने की मांग करते हुए याचिका लगाई थी। विशेष अदालत ने यह याचिका खारिज करते यह भी साफ कर दिया कि संपत्ति के दस्तावेज वापस नहीं किए जाएंगे। अब उसकी संपत्ति वापस नहीं की जाएगी।