भोपाल की विशेष न्यायाधीश कुमुदिनी पटेल ने यह फैसला सुनाया है। घटना 24 सितंबर 2024 को घटी थी। 5 साल की बच्ची का अपहरण कर अतुल भालसे ने उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी।
बच्ची के गायब हो जाने पर इलाके में बवाल मच गया था। पुलिस ने गहराई से जांच की और उसी मल्टी के एक बंद फ्लैट से बच्ची का शव बरामद कर लिया। फ्लैट में रहने वाले अतुल निहाले, उसकी मां बसंती बाई और बहन चंचल भालसे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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शाहजहांनाबाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया था। इसमें डीएनए जांच रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। बच्ची की हत्या से पहले अतुल ने उसके साथ रेप किया था जिसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई।
पुलिस के समक्ष तीनों आरोपियों ने अपने गुनाह कबूल कर लिए थे। अतुल ने पुलिस को बताया कि सूनी गली में बच्ची दिखी तो उसने बुलाया और कमरे में ले जाकर रेप किया। इसके बाद गला घोंट कर मासूम को मार डाला और शव को पलंग के नीचे छिपा दिया। बहन चंचल और मां बसंती को अतुल की करतूत पता चल गई लेकिन उन्होंने पुलिस को बताने की बजाए बच्ची की लाश को टंकी में छिपाने में मदद की। दुष्कर्मी, हत्यारे अतुल भालसे के खिलाफ खरगोन में भी छेड़खानी, चोरी जैसे अपराधों के आधा दर्जन केस दर्ज हैं।