मिली जानकारी के अनुसार, इस छूट के देने से सरकार के खजाने पर 3 हजार करोड़ से अधिक वित्तीय भार पड़ने वाला था। इस आपत्ति के बाद शुक्रवार को सीनियर अफसरों की कमेटी ने नए सिरे से पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को लेकर मंथन किया और सब्सिडी के साथ इन्सेंटिव के प्रावधान को खत्म कर दिया है।
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ई-व्हीकल खरीदने पर अब टैक्स और रजिस्ट्रेशन पर ही छूट दी जाएगी और वो भी सिर्फ एक साल के लिए ही प्रभावी रहेगी। यानी साफ है, जो पॉलिसी लागू होने के बाद एक साल के अंदर ईवी खरीदता है तो उसे इसका फायदा मिल सकेगा। पॉलिसी ड्राफ्ट में 1 साल पार्किंग में छूट, टोल से 50 फीसदी की रियायत, चार्जिंग स्टेशन को सस्ती बिजली जैसी सुविधा दी जानी प्रस्तावित थी।