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टीम को जांच के दौरान आबकारी घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं। टीम ने संदेहियों से कई घंटे पूछताछ की, है। इसमें भी कई सुराग मिले। शराब ठेकेदार और उनसे जुड़े लोगों को भी जांच में शामिल किया जाएगा। बता दें कि 2017 में आबकारी घोटाला(MP Liquor Scam) उजागर हुआ था। शराब ठेकेदारों और अन्य ने मिलकर फर्जी बैंक चालान बनाकर सरकारी खजाने को 49.42 करोड़ का नुकसान पहुंचाया था।
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ईडी ने जांच में पाया कि शराब ठेकेदार ट्रेजरी व बैंक में ठेके के एवज में 10 हजार रुपए जमा कराते, रसीद में 10 लाख कर विभाग में फर्जी रसीद जमा करा शराब उठाते थे। 2015 से 2017 तक यह फर्जीवाड़ा चला। 15 दिन में रसीद को चेक करना था। अफसरों ने 3 साल तक जांच नहीं की। तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त सहित अन्य अफसर सस्पेंड हुए, पर आरोपी नहीं बनाए गए।