- हाइटेंशन लाइन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों का कनेक्शन
- 2.47 मिलियन यूनिट खपत थी 2024 में प्रतिमाह
- 19.08 मिलियन यूनिट खपत रही 2025 में प्रतिमाह
- 20.98 मिलियन यूनिट खपत आंकलित है 2026 में प्रतिमाह
- लो-टेंशन लाइन वाले इवी कनेक् शन यानि घरेलू स्तर पर
- 0.44 मिलियन यूनिट खपत 2024 में
- 0.71 मिलियन यूनिट खपत 2025 में
– 0.88 मिलियन यूनिट खपत 2026 में आंकलित
शहर में सवा लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल- शहर में इ-व्हीकल की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां 800 से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल की हर माह बिक रहे हैं। इस समय शहर की सडक़ों पर करीब सवा लाख इलेक्ट्रिकल व्हीकल है। शहर में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग के लिए सिस्टम नहीं बना है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए टैरिफ में दर जरूर तय कर दी है। अब जब चार्जिंग सिस्टम विकसित होगा और व्यवसायिकतौर पर व्हीकल चार्जिंग सुविधा शुरू होगी तो तेज से खपत का ग्राफ बढ़ेगी।
- 75 लाख यूनिट बिजली की खपत रोजाना है अभी शहर में
- 08 रुपए प्रतियूनिट की दर से बिजली बिल की वसूली होती है
- 06 करोड़ रुपए की बिजली रोजाना बेची जाती है
- 180 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली का लक्ष्य तय होता है
- 12 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली इलेक्ट्रिक व्हीकल खर्च कर रहे हैं अभी
- 25 हजार सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य तय है
- 900 मेगावाट सोलर से बनाने का शासन ने भोपाल को लक्ष्य दिया है
बिजली खपत में इलेक्ट्रिक व्हीकल एक बड़ा सेगमेंट बन रहा है। इसके लिए हमारी तैयारी है। अतिरिक्त बिजली की मांग की स्थिति में उत्पादन पर भी फोकस है।
- क्षितिज सिंघई, एमडी, मध्यक्षेत्र