इन क्षेत्रों में पहुंची टीमें
गैस पीड़ित संगठनों के पदाधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान प्रदूषित पानी से संबंधित साक्ष्य टीम को सौंपे। उन्होंने फूटा मकबरा, कैंची छोला और कल्याण नगर जैसे इलाकों में अब तक नल कनेक्शन न होने की शिकायत भी की। संगठनों ने समिति को 42 मोहल्लों की पानी की स्थिति, नालियों के अभाव और गंदगी की विस्तृत रिपोर्ट वीडियो के साथ सौंपी है। रिपोर्ट के अनुसार, 70 प्रतिशत से ज्यादा मोहल्लों में लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। जात हो कि यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के नजदीक के 14 मोहल्लों के भूजल में हैवी मेटल्स, कीटनाशक और परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स मिले थे। इसके बाद इलाकों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन जमीनी हकीकत अब भी चिंताजनक बनी हुई है।
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- सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिया था साफ पानी का आदेश।
- 70 फीसदी से ज्यादा मोहल्लों में नहीं पहुंचा साफ पानी।
- निरीक्षण टीम ने लिए पानी के नमूने।
- गैस पीड़ित संगठनों ने सौंपे प्रदूषित पानी के सबूत ।
पिछली रिपोर्ट
- 2012 में आईआईटीआर ने 14 बस्ती और 3 मोहल्लों का पानी प्रदूषित बताया था।
- 2018 की रिपोर्ट में 20 और मोहल्लों में भूजल प्रदूषण मिला।
- 14 नजदीक के मोहल्लों में पेयजल में हैवी मेटल्स और कीटनाशक मिले थे।