क्लीनिक भी नहीं चला
एमपी पुलिस के अनुसार मोनिका की एक क्लीनिक थी। क्लीनिक नहीं चली तो वह आर्थिक मंदी से घिर गई। कुछ अस्पतालों में उसने पार्ट टाइम जॉब भी किए। इस बीच नौ जनवरी को वह सागर अस्पताल में किसी से मिलने गई थी। वहां से निकलते वक्त उसके हाथ में एक बॉक्स दिखा, जिससे पुलिस का संदेह उस पर गया।पिता की फैक्ट्री बंद, घर भी बिका
पुलिस टीम ने जांच में पाया कि डॉ. मोनिका के पिता का शहर के सबसे पॉश इलाके में पहले बंगला था। मंडीदीप में उनकी फैक्ट्री बंद होने के बाद मालीहालत खराब हो गई। उन्हें बंगला बेचना पड़ा और वे बागसेवनिया में एक किराए के मकान में शिफ्ट हो गए। फिजियोथेरेपिस्ट महिला की शादी नहीं हुई है। उसकी दो बहनेें और एक भाई भी है।ये भी पढ़ें: उज्जैन में मोहन के खास तो विदिशा में शिवराज के करीबी को जिला अध्यक्ष की कमान