जानकारी के लिए बता दें कि ये नया नियम गुरुवार 6 फरवरी 2025 को वन मुख्यालय द्वारा जारी किया गया। यह 2010 के ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत लागू किया गया है। कर्मचारी मंच लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। इस फैसले के आने के बाद से कर्मचारी बेहद खुश हैं। इसी के साथ अन्य विभागों में भी इसी तरह के बदलाव की उम्मीद है।
पहले इतनी मिलती थी ग्रेजुएटी
इस फैसले के आने के पहले तक वन विभाग में ग्रेजुएटी अधिनियम 1972 के तहत स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु होने पर तीन लाख 50 हजार रुपये ग्रेजुएटी भुगतान की जा रही थी लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के स्थान पर नए ग्रेजुएटी अधिनियम 2010 प्रतिस्थापित कर दिए हैं। इस बदलाव के बाद कर्मचारियों को ग्रेजुएटी साढे़ तीन लाख के स्थान पर अधिकतम 10 लाख रुपए भुगतान किए जाने की निर्देश है। मध्य प्रदेश में 14 साल बाद यह नियम लागू हुआ है। ये भी पढ़ें: अब स्टूडेंट्स को ई-मेल पर मिलेगी मार्कशीट, बड़ा बदलाव जान लें क्या होती है ग्रेच्युटी
रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी एक तरह का बोनस होता है जो कर्मचारी को लंबी सेवा के बाद मिलता है। यह रिटायरमेंट के बाद जीवन-यापन में मदद करता है या फिर परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है।