कैबिनेट बैठक में लगी मुहर
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि परिवहन गरीबों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसकी आवश्यकता को समझते हुए सरकार ने पॉलिसी तैयार की है। इसके तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन सुगम करने पर विचार किया जाएगा। सरकार बस नहीं खरीदेगी लेकिन बस ऑपरेटर्स को इंगेज करेगी। किसी भी प्रकार की हानि की संभावना नहीं होगी। आधुनिक तकनीक पर काम किया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर बसों का संचालन होगा। इसके लिए कैमरा निगरानी और कंट्रोल रूम से निगरानी की व्यवस्था भी की जाएगी।
PPP मॉडल पर चलाई जाएंगी बसें
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के जरिए बस चलाई जाएंगी। जिसमें सरकार निजी बस ऑपरेटरों से अनुबंध करेगी। साथ ही बसों की देखभाल इन्हीं के हाथ में होगी। पीपीपी मॉडल के तहत एक सॉफ्टवेयर बनाया जाएगा। जिसके जरिए नियंत्रण रखा जाएगा।
7 संभागों में चलेंगी बसें
प्रदेश के 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन के तहत SPVs यानी विशेष उद्देश्य वाहन गठित है। जिसमें 16 कार्यरत हैं और 4 कार्यरत नहीं है। उन सभी कंपनियों को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा में मर्ज किया जाएगा।
ऐप के जरिए मिलेंगी ये सुविधाएं
शहरों और गांवों में चलाई जाने वाली बसों की जानकारी ऐप में होगी। जिसके जरिए यात्रियों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। यात्रियों को ऐप में ही ई-टिकट, ट्रैकिंग, सीट की जानकारी मिला पाएगी। साथ कैशलेस भुगतान भी किया जा सकेगा। इसके अलावा बस, ऑटो, टैक्सी, मेट्रो की बुकिंग भी ऐप से ही हो पाएगी।