बताया गया है कि अब मरीज अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके अस्पताल परिसर में उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और तुरंत ओपीडी टोकन प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रणाली न केवल समय बचाती है बल्कि अस्पतालों में भीड़ को भी कम करती है, जिससे रोगियों को तेज, सहज और अधिक सुविधाजनक अनुभव मिलता है।
जारी विज्ञप्ति के मुताबिक एम्स भोपाल सेंटर ने ‘स्कैन एंड शेयर’ सेवा के माध्यम से 1.45 मिलियन से अधिक ओपीडी टोकन जनरेट किए थे। सूची में एम्स (All India Institute of Medical Sciences) नई दिल्ली पहले स्थान पर आया है।
एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि एम्स भोपाल के लिए गर्व का क्षण है एवं संस्थान द्वारा स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल परिवर्तन लाने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।
सिंह ने बताया कि स्कैन एंड शेयर सेवा ने मरीजों के लिए प्रतीक्षा समय को काफी कम कर दिया है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी आसान कर दिया। देशभर में ओपीडी टोकन जनरेट करने में दूसरा स्थान प्राप्त करना हमारे सभी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत है।