मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज 3812 करोड़ की लागत की 11 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण या भूमि-पूजन हुआ है। इससे स्थानीय स्तर पर 6850 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोपाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उद्यानिकी क्षेत्र में 30 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मध्यप्रदेश में बिजली पानी एवं बेहतर सड़क की सुविधा के साथ ही औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीतियां उपलब्ध हैं। औद्योगिक निवेश के लिए प्रदेश में बेहतर वातावरण है।
प्रति बीघा गेहूं के उत्पादन में अमेरिका को पीछे छोड़ा
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रति बीघा गेहूं के उत्पादन में मध्यप्रदेश ने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है।
प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई के रकबे में हुई वृद्धि से कृषि उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है। जीडीपी में भी कृषि का योगदान 44 प्रतिशत है।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंदसौर, नीमच में खाद्य प्र-संस्करण में संभावनाएं जताईं
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मंदसौर, नीमच क्षेत्र में खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों में पर्याप्त संभावनाएं जताईं। उन्होंने कहा कि ये इलाकों मसालों के लिए विख्यात रहा है। यहां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और विस्तार में सरलता के लिए राज्य सरकार ईज ऑफ डूईंग बिजनेस को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने कहा कि कृषि उद्योग समागम की पहली कड़ी सीतामऊ मंदसौर में आयोजित हुई है। इसमें विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है। इस प्रकार के समागम संभाग और जिला स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण की पर्याप्त संभावना विद्यमान है। कार्यक्रम में उद्योगपति अजय भटनागर ने भी अपने अनुभव साझा किए। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना, उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया आदि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
गेहूं का करीब 6000 करोड़ रुपए का भुगतान
बता दें कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अभी तक 7 लाख 81 हजार 389 किसानों से 67 लाख 92 हजार 890 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है। किसानों को उपार्जित गेहूं का करीब 6000 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रूपए है जबकि राज्य सरकार द्वारा 175 रूपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है। इस तरह से एमपी में गेहूं की खरीदी 2600 रूपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। प्रदेश में गेहूं का उपार्जन 5 मई तक होगा। मध्यप्रदेश में वर्ष 2024-25 के रबी सीजन में 138.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसल बोई गई जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा गेहूं का रहा।