scriptहो गया सफल परीक्षण…अब बोलने और चलने से भी बनेगी ‘बिजली’ | Now electricity will be produced by speaking and walking, the test has been successful | Patrika News
भोपाल

हो गया सफल परीक्षण…अब बोलने और चलने से भी बनेगी ‘बिजली’

Electricity: एम्प्री की तकनीक का सफल परीक्षण हो चुका है। इसे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बाजार में लाने की तैयारी है।

भोपालFeb 19, 2025 / 11:28 am

Astha Awasthi

Electricity

Electricity

शिवाशीष तिवारी, भोपाल। कोयले, हवा और सौर से बिजली तो बनती है। अब बोलने, मोबाइल चलाने और पैदल चलने से भी बनेगी। सीएसआइआर-एम्प्री की ‘पीजो इलेक्ट्रिक नैनो जनरेटर’ से यह हो सकेगा। दावा है, गाड़ी चलने व कम्प्यूटर पर काम करने जैसे काम से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को विद्युत में बदला जाएगा। एम्प्री की तकनीक का सफल परीक्षण हो चुका है। इसे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बाजार में लाने की तैयारी है। यह ऊर्जा का सबसे सस्ता स्रोत साबित होगा।

नैनोकंपोजिट से बना जनरेटर

डायरेक्टर डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार गुप्ता और देश भर के 10 शोधार्थी छात्रों ने 2017 में रिसर्च शुरू किया। डॉ. अवनीश ने बताया, पीजोइलेक्ट्रिक नैनोजनरेटर ऊर्जा-संचय उपकरण है। यह नैनो-संरक्षित पीजो इलेक्ट्रिक सामग्री से प्रक्रिया कर बाहरी गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
ये भी पढ़ें: ‘थार’ दो तभी बारात लेकर आऊंगा…’ दुल्हन करती रही इंतजार, अब लेगी बदला !


ऐसे बनेगी बिजली

कुछ पदार्थों जैसे जिंक ऑक्साइड, 2डीएमओएस-2, पीवीडीएफ, ग्राफीन, बोरोफिन आदि में दबाव और घर्षण से निगेटिव व पॉजिटिव चार्ज पैदा होता है। एम्प्री ने इन पदार्थों से नैनोकंपोजिट (मटेरियल) बनाया है। इसी मटेरियल से मोबाइल स्क्रीन, कम्प्यूटर की-बोर्ड, जूते के लिए चिप बनेंगे। फिर जैसे ही कोई की-बोर्ड पर काम करेगा, यह उसे विद्युत ऊर्जा में बदल देगा।

Hindi News / Bhopal / हो गया सफल परीक्षण…अब बोलने और चलने से भी बनेगी ‘बिजली’

ट्रेंडिंग वीडियो