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भोपाल

कर्मचारियों के वेतन और अन्य मुद्दों पर हाईकोर्ट में याचिका, वित्त विभाग की अधिसूचना को दी चुनौती

MP High Court- मध्यप्रदेश में कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन और अन्य मुद्दों से संबंधित एक याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई है।

भोपालApr 30, 2025 / 08:46 pm

deepak deewan

Petition in MP High Court on salary and other issues of outsourcing employees

Petition in MP High Court on salary and other issues of outsourcing employees

MP High Court- मध्यप्रदेश में कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन और अन्य मुद्दों से संबंधित एक याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई है। इसमें वित्त विभाग की उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें प्रदेश में विशिष्ट कार्यों के लिए चिन्हित पदों के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवाएं आउटसोर्सिंग एजेंसीज के माध्यम से लेने की बात कही गई है। अजाक्स संघ ने इसे असंवैधानिक बताया है। याचिका में बताया गया है कि शासन के सभी विभागों में कर्मचारियों का स्वीकृत सेटअप, निर्धारित वेतन और आरक्षण के प्रावधान हैं किंतु वित्त विभाग की अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों, श्रमिक कानूनों और आरक्षण नियमों के विरुद्ध है। आउटसोर्सिंग पद्धति में शिक्षित युवाओं का आउटसोर्सिंग एजेंसीज द्वारा जबर्दस्त शोषण किया जा रहा है। इस याचिका पर 5 मई को सुनवाई होगी।
एमपी में कर्मचारियों की सेवा शर्तों एवं नियोजन की प्रक्रिया से संबंधित नियम बनाने का काम सामान्यतः सामान्य प्रशासन विभाग का है परंतु वित्त विभाग ने मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015 में संशोधन कर भाग 2 जोड़ा। इस संशोधन में नियम 32 में सेवा उपार्जन से संबंधित प्रावधान जोड़े गए, जिसमें वस्तुओं की तरह श्रमिकों, कर्मचारियों को भी काम के लिए प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से खरीदा जा सकेगा। कर्मचारियों को खरीदकर उन्हें सरकारी विभागों में नियोजित करने की इस प्रक्रिया को आउट​सोर्सिंग कहा जाता है।
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अधिसूचना की संवैधानिकता को दी चुनौती

मध्यप्रदेश शासन के वित्त विभाग (Finance Department) द्वारा 31 मार्च 2023 को अधिसूचना क्रमांक F-11/2023/नियम/चार, भोपाल के अंतर्गत सभी विभागों को विशिष्ट कार्यों के लिए चिन्हित पदों के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवाएं आउटसोर्सिंग एजेंसीज के माध्यम से लेने के निर्देश दिए। इस अधिसूचना की संवैधानिकता को अजाक्स संघ ने चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका (WP/15917/2025) दायर की है।

वेतन, बर्खास्तगी आदि का मुद्दा अहम

राज्य सरकार की इस कथित अवैधानिकता के संबंध में अजाक्स संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों का स्वीकृत सेटअप, निर्धारित वेतन और आरक्षण के प्रावधान हैं किंतु वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में इनका अभाव है। यह संवैधानिक प्रावधानों, श्रमिक कानूनों और आरक्षण नियमों के विरुद्ध है। अजाक्स के अनुसार आउटसोर्सिंग में संबंधित एजेंसियां नियोजित कर्मचारियों को अपनी मर्जी से वेतन देती हैं और जब चाहें तब उन्हें नौकरी से हटा भी देती हैं। ऐसे में कर्मचारियों को किसी भी कानून के तहत कोई उपचार भी उपलब्ध नहीं है।

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