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भोपाल

खतरे में है कांग्रेस के आधे से ज्यादा जिलाध्यक्षों की कुर्सी

MP Congress: कांग्रेस के गुजरात समेलन के निर्णयों पर अमल होना है। प्रदेश में जिलाध्यक्षों को पॉवरफुल किया जाना है। इसकी गाइडलाइन तय हुई है, अब कांग्रेसियों को इसका इंतजार है। जिलाध्यक्ष अब ऊपर से नहीं थोपे जाएंगे।

भोपालMay 16, 2025 / 11:31 am

Avantika Pandey

MP Congress

Congress District President

MP Congress: कांग्रेस के गुजरात समेलन के निर्णयों पर अमल होना है। प्रदेश में जिलाध्यक्षों को पॉवरफुल किया जाना है। इसकी गाइडलाइन तय हुई है, अब कांग्रेसियों को इसका इंतजार है। जिलाध्यक्ष अब ऊपर से नहीं थोपे जाएंगे। इनकी नियुक्ति में स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं की राय अहम होगी। मध्यप्रदेश के आधे से ज्यादा जिलाध्यक्षों की कुर्सी खतरे में है। यहां नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होना है। यहां के लिए खोजबीन तेज हो गई है।
बताया जाता है कि जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में गुजरात फार्मूला लागू किया जा सकता है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए एआईसीसी की ओर से जिला स्तर पर एक ऑब्जर्वर नियुक्त होगा। प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी ऑब्जर्वर जिला अध्यक्ष के नाम खोजने में मदद करेंगे। प्रत्येक जिले में पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई जाएगी। इसमें एक केंद्रीय और चार राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। ये समितियां अपने-अपने जिले का दौरा करेंगी और जिलाध्यक्ष के चयन से पहले स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगी।
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बदलाव की कवायद

कांग्रेस(MP Congress) संगठन में कसावट के साथ बदलाव की भी कवायद चल रही है। इसमें जिले के संगठनात्मक से लेकर ब्लॉक से लेकर बदलाव शामिल हैं। इसी के तहत शहर एवं ग्रामीण जिलाध्यक्ष(District president) की नियुक्ति होना है। लंबे समय से पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओ को नई और अहम जिमेदारियां दी जाएंगी। एक्टिव लोगों को मौका दिया जाएगा।
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दलित-आदिवासी, ओबीसी को प्राथमिकता

जिलाध्यक्षों के चयन में अब कांग्रेस आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंयकों और महिलाओं को प्राथमिकता देगी। बताया जाता है कि मौजूदा समय में प्रदेश में पार्टी के 72 संगठनात्मक जिलों में से 66 में वर्तमान में जिलाध्यक्ष हैं। 6 जिलों में अध्यक्ष के पद रिक्त हैं।

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