पुजारियों के मौलिक अधिकारों का हनन
अपनी याचिका में मठ-मंदिर पुजारी संगठन ने आरोप लगाया कि सरकार मंदिरों और उनकी संपत्तियों पर नियंत्रण कर, पुजारियों और धार्मिक संप्रदायों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। याचिका में कहा गया कि, मध्य प्रदेश में 50 हजार मंदिर और एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन मंदिरों के नाम पर है। याचिका में पुजारियों ने आरोप लगाया है कि सरकार इन जमीनों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है। संगठन के अध्यक्ष ऋषभ बैरागी ने कहा कि सरकार के नियंत्रण में आने के बावजूद सरकारी अधिकारी मंदिरों की आय का दुरुपयोग कर रहे हैं। एमपी के इस जिले में ‘हवाई पट्टी’ का होगा विस्तार, उड़ान भरेंगे 12 सीटर प्लेन संगठन की मांगे
याचिका में मठ-मंदिर पुजारी संगठन ने ये मांगे रखी है। उन्होंने धमकी भी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानेगी, तो वे एक बड़ा ‘मंदिर मुक्ति अभियान’ शुरू करेंगे।
- पुजारियों को संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत मिले मौलिक अधिकार लागू किए जाए।
- मंदिरों को उनकी श्रेणी के अनुसार वर्गीकृत करने के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाए।
- मंदिरों पर अतिक्रमण और उन्हें सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए।
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कोर्ट में दायर याचिका में संगठन ने कहा कि इन मंदिरों में गड़बड़ी पाई गई है।
- देपालपुर- श्री राम मंदिर (रुंजाजी गांव )
- गौतमपुरा- कृष्णेश्वर गोमतश्वर मंदिर और जैन मंदिर
- बारादाखेड़ी- महादेव मंदिर
- हातोद- गौरा देवी मंदिर (अटावदा)
- राऊ- राम मंदिर (सोनवाय गांव)
- महू- खेड़ापति मंदिर (पांजारिया गांव )