रमजान माह के 9 रोजे पूरे हो चुके हैं। पहला अशरा पूरा होने को हैं। रोजेदारों को सहूलियत हो इसके लिए शहर में कई संगठन काम कर रहे हैं। सकलैनी समाज के नूरउद्दीन सकलैनी ने बताया कि पिछले कई सालों से बच्चों के लिए यह व्यवस्था करते हैं। दूसरे शहरों से आने वाले सुबह सेहरी के लिए परेशान होते हैं। उस समय न तो कोई भोजनालय खुले होते हैं और न ही रेस्टोरेंट। इस परेशानी का पता लगते ही समाज की ओर से व्यवस्था की गई। इसमें पता लगा इस तरह के एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में युवा हैं। इनके लिए रमजान माह के सभी दिनों में विशेष तौर से इंतजाम होते हैं।
उच्च शिक्षा लेने वालों की संख्या ज्यादा, मेडिकल और इंजीनियरिंग के कई छात्र
यहां पहुंचने वाले में छात्रों में कई प्रदेश के अलग-अलग जिलों से तो कुछ दूसरे प्रदेशों से यहां पढ़ाई के लिए आए हैं। इनमें पीएचडी से लेकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले शामिल हैं। यहां के इंतजाम देख रहे मुबीनउद्दीन ने बताया कि इन तीस दिनों का इंतजाम समाज के लोग मिलकर करते हैं। कई बार दूर दराज के आए हुए स्टूडेंट भी इसमें बढ़ चढ़कर सहयोग करते हैं।