मध्यप्रदेश में लगातार तीन विधानसभा चुनावों में हारी कांग्रेस को उस समय पुनर्जीवन मिल गया था जब सन 2018 में बीजेपी को पीछे धकेलकर वह वापस सत्ता हासिल करने में सफल रही थी। हालांकि आपसी मतभेदों के कारण उसने यह
बढ़त गंवा दी और बीजेपी ने फिर सरकार बना ली। इतना ही नहीं, सन 2023 में विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की जबर्दस्त हार हुई। बाद में लोकसभा चुनाव में भी पार्टी प्रदेश की एक भी सीट नहीं जीत सकी।
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यही कारण है कि कांग्रेस राज्य में अपना खोया जनाधार पाने के लिए हर प्रकार के जतन कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने के फैसले को पार्टी राहुल गांधी की जीत बताते हुए इस मौके को भुनाने की कोशिश करने में जुट गई है। इसके लिए 5 मई से प्रदेश के हर जिले में ‘संविधान बचाओ रैली’ के नाम से अभियान शुरु किया जा रहा है। 11 से 17 मई तक विधानसभावार रैलियां होंगी।
अधिवेशन में विशेष तौर पर राहुल गांधी भी आएंगे
इसी के साथ मप्र कांग्रेस कमेटी ने दो दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया है। 9 और 10 अगस्त को जबलपुर में आयोजित इस अधिवेशन में विशेष तौर पर राहुल गांधी भी आएंगे। अधिवेशन में खासतौर पर एमपी में सन 2028 में होनेवाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की तैयारियों के संदर्भ में चर्चा होगी।