8 वें वेतनमान को पहले केंद्र सरकार लागू करेगी। इसके बाद नया वेतनमान राज्यों में लागू किया जाएगा। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के अनुसार पूरी प्रक्रिया में करीब 3 साल लग सकते हैं लेकिन केंद्र के बाद इसे प्रदेश में भी लागू किया जाना लगभग तय है। ऐसे में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों, अधिकारियों का वेतन 4 हजार रुपए से लेकर 9 हजार रुपए तक बढ़ सकता है।
सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए हर दस साल में नया वेतनमान लागू किए जाने का प्रावधान है। संभावित महंगाई को देखते वेतन आयोग नए वेतनमान का प्रस्ताव बनाता है। ‘फिटमेंट फैक्टर’ के आधार पर संभावित वेतन तय किया जाता है। आमतौर पर भारत सरकार वेतन आयोग की सिफारिशें मान लेती हैं। अपनी आर्थिक स्थिति देखते हुए सरकार नया वेतनमान लागू कर देती है जिसके बाद राज्य सरकारें भी इसे आंशिक परिवर्तनों के साथ अपना लेती हैं।
कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञोें के मुताबिक 8वें वेतनमान से मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को वेतन में न्यूनतम 14 प्रतिशत का लाभ हो सकता है। दरअसल 2017 में 7 वेतनमान में 14 प्रतिशत तक का ही लाभ दिया गया था। अगर ऐसा होता है तो एमपी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का वेतन 4 हजार रुपए से ज्यादा बढ़ जाएगा। 10 साल सेवा अवधि वाले कर्मचारियों के वेतन में यह बढ़ोत्तरी हो सकती है।
एमपी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अभी वेतन के रूप में 34314 रुपए मिल रहे हैं। इसमें मूल वेतन के 20909 रुपए सहित महंगाई भत्ता यानि DA और अन्य अलाउंस शामिल हैं। 8वें वेतनमान में संभावित 14 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के बाद इन कर्मचारियों का वेतन करीब 39000 रुपए हो सकता है।