‘इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान जारी..’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X की पोस्ट में डेटा जारी किया। डेटा शेयर करते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने 538 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया है और सैन्य विमान का उपयोग करके सैकड़ों को निर्वासित किया है। कैरोलिन लेविट ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा, “ट्रम्प प्रशासन ने 538 अवैध अप्रवासी अपराधियों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें एक संदिग्ध आतंकवादी, ट्रेन डी अरागुआ गिरोह के चार सदस्य और नाबालिगों के खिलाफ़ यौन अपराधों के दोषी कई अवैध अप्रवासी शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “ट्रम्प प्रशासन ने सैकड़ों अवैध अप्रवासी अपराधियों को सैन्य विमानों के ज़रिए निर्वासित भी किया। इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान अच्छी तरह से चल रहा है। वादे किए गए। वादे पूरे भी किए गए।” पदभार ग्रहण करते ही लिया एक्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि पिछले चार वर्षों में, अमेरिका ने अवैध आव्रजन की अभूतपूर्व बाढ़ देखी है। “लाखों विदेशी अवैध रूप से हमारी सीमाओं को पार कर गए या उन्हें वाणिज्यिक उड़ानों पर सीधे संयुक्त राज्य अमेरिका में उड़ान भरने और अमेरिकी समुदायों में बसने की अनुमति दी गई, जो लंबे समय से चले आ रहे संघीय कानूनों का उल्लंघन है।” अपने अभियान के दौरान, ट्रंप ने अवैध अप्रवास के खिलाफ सख्त कदम उठाने का वादा किया था। पदभार ग्रहण करने के बाद, पहले दिन उन्होंने मैक्सिको के साथ दक्षिणी सीमा पर “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित करने वाले कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अधिक सैनिकों की तैनाती की घोषणा की और “आपराधिक विदेशियों” को निर्वासित करने के लिए प्रतिबद्ध हुए।
हम अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं- MEA
इसी बीच भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “हम अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं, खासकर इसलिए क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है।” प्रवक्ता ने कहा, “केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीयों के लिए, यदि वे भारतीय नागरिक हैं और वे निर्धारित समय से अधिक समय तक रह रहे हैं, या वे किसी विशेष देश में उचित दस्तावेजों के बिना हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते वे हमारे साथ दस्तावेज साझा करें, ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं। यदि ऐसा होता है, तो हम मामले को आगे बढ़ाएंगे और उनकी भारत वापसी की सुविधा प्रदान करेंगे।”