एम्स के यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. केतन मेहरा ने बताया कि अब तक यौन रोग से पीड़ित पुरुषों का इलाज दवाओं और सर्जरी पर निर्भर था। इसकी जगह यह थेरेपी ज्यादा कारगर है।
इन बीमारियों के उपचार में भी असरदार
इस थेरेपी को किडनी में बनने वाली पथरी को तोड़ने के लिए विकसित किया गया था। लेकिन, यह हल्के और मध्यम स्तर की यौन दुर्बलता के इलाज के लिए सबसे अधिक कारगर पाई गई है। इस बीमारी को इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहा जाता है। किडनी में बनने वाली पथरी को तोड़ने में भी इस्तेमाल है।
पेरोनी रोग का भी उपचार
इस थेरेपी से पेरोनी रोग का भी उपचार हो रहा है। इस बीमारी में यौन अंग मुड़ने और झुकने से साथ ही टेढ़े हो जाते हैं। इससे अंगों में दर्द होता है। ये भी पढ़ें: धारा 163 लागू… सोशल मीडिया पर ‘भ्रामक पोस्ट’ करी तो होगी कार्रवाई यह है शॉकवेव थेरेपी
लो-इंटेंसिटी एक्सट्रा कार्पोरियल शॉकवेव थेरेपी के जिरए शरीर के बाहरी हिस्से से शरीर के अंदर विशेष तरंग (शॉकवेव) भेजी जाती है। तरंग शरीर के अंदर जाकर कोशिकाओं को उत्तेजित करती है। लो-इंटेंसिटी शॉकवेव थेरेपी में बहुत ही हल्की तीव्रता वाली तरंगे संबंधित नसों और कोशिकाओं पर असर डालती है। ये तरंगे शरीर के रक्त निलकाओं में रक्त प्रवाह की गति को बेहतर बनाती है और उत्तेजना और कार्यक्षमता में सुधार लाती है। यह थेरेपी यौन रोगियों को मानसिक हीनभावना से भी मुक्त करेगी।