ये भी पढ़ें: बाघों के बाद अब पन्ना टाइगर रिजर्व बनेगा घड़ियालों का घर, डेवलप होगी सैंड बैंक, नेस्ट बैंक, हैचरी साइट्स प्राइवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के नियमों में बदलाव से आई दिक्कत
प्राइवेट स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के नियमों में बदलाव के कारण यह दिक्कत आई। नए नियमों के तहत मान्यता के किराएनामा अनिवार्य कर दिया है। इस पर कई स्कूलों के सामने दिक्कत आई। खासतौर से वे जो पट्टे की भूमि या फिर ट्रस्ट से संचालित हैं। इनके पास न तो रजिस्ट्री है और न ही किराएनामा। इनका नवीनीकरण रूक गया। ऐसे में इनमें दाखिला पाने वाले बच्चों को भी परेशानी आ रही है।
आंकड़ों पर एक नजर
-1600 प्राइवेट स्कूल शहर में -6 हजार एडमिशन इस साल -50 हजार आठ कक्षाओं में 2011 से व्यवस्था
प्रदेश के स्कूलों में पहली बार 2011 में आरटीई के तहत बच्चों के एडमिशन शुरू हुए। कोरोनाकाल को छोड़ प्रक्रिया हर साल जारी है। स्कूल शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों से रिपोर्ट मांगता है उसके बाद फीस दी जाती है। अधिकारियों के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों की मान्यता और मान्यता नवीनीकरण के लिए इस साल नियमों में संशोधन हुआ। नए नियमों के आधार पर मान्यता के लिए दो बार सीमा बढ़ाई जा चुकी है। जिला स्तर पर इसके लिए निर्णय लिए जाने है।
एक हजार स्कूलों के सामने है समस्या
प्राइवेट स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण रूक गया है। करीब एक हजार स्कूलों के सामने यह परेशानी है। यहां करीब दस हजार बच्चे आरटीई के तहत पढ़ रहे हैं। स्कूल संचालकों ने इनके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र को लिखा है।