सीमावर्ती क्षेत्रों को जोडऩे वाली सड़क की सुध नहीं ला रही है। रणजीतपुरा से आगे 40 किलोमीटर का सफर डेढ़ से दो घंटे में पूर्ण होता है। सीमा क्षेत्र में जिप्सम का भंडार होने के कारण माफिया ओवरलोड ट्रोलों से जिप्सम को इस सड़क से परिवहन करते हैं, जिससे सड़क के हाल बेहाल हैं। सरकार व प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। जब से सांचू सीमा दर्शन के लिए खोला है, तब से सड़क के हालात ज्यादा खराब होते जा रहे है। सड़क के नाम पर मात्र अवशेष ही बचा है।
सीमा दर्शन सांचू की दूरी जिला मुख्यालय से 180 किलोमीटर है, तो बज्जू उपखंड मुख्यालय से 80 किलोमीटर है। बीकानेर से बज्जू होते हुए रणजीतपुरा पहुंचना पड़ता है। इसके बाद रणजीतपुरा से 40 किलोमीटर आगे बॉर्डर की तरफ सफर करना होता है। यहा जर्जर सड़क पर सफर करना मजबूरी बना है
पर्यटकों को पाकिस्तानी क्षेत्र की झलक दिखाने के लिए विशेष तौर पर प्लेटफार्म बनाया गया है। भारत-पाक के बीच वर्ष 1965 और 1971 का युद्ध इसी पोस्ट पर लड़ा गया था। वर्ष 1965 युद्ध से पहले बीकानेर जिले के बॉर्डर बेल्ट में सांचू सबसे बड़ा गांव था। वर्ष 1965 के युद्ध में इस सीमा चौकी को पाकिस्तान से मुक्त करवाया था। यहां म्यूजियम भी गाथाओं का वर्णन करता है।