कोटा क्षेत्र की करगीखुर्द निवासी गिरजा साहू (24) 5 माह की गर्भवती थी। 13 मार्च को उसके पेट में दर्द उठने पर उसे कोटा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सिम्स लाया गया या। यहां उसे तत्काल भर्ती कर इलाज शुरू किया तो हालत में सुधार होने लगा। 14 मार्च को सुबह करीब 8 बजे उसे इंजेक्शन लगाया गया।
दर्द बढ़ने पर सोनोग्राफी कराने की सलाह दी गई। परिजन उसे एक निजी अस्पताल सोनोग्राफी के लिए ले गए। रिपोर्ट दोपहर 2 बजे आई। पता चला कि ‘मिस्कैरेज’हो गया है। इस पर महिला के साथ आए परिजन भड़क गए और प्रबंधन पर गलत इंजेक्शन लगाने के बाद
गर्भपात होने का आरोप लगाते हुए सिम्स अधीक्षक से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कविता की जगह गिरजा को लगा दिया इंजेक्शन
पीड़ित महिला का आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद उसके पेट में दर्द के साथ फिर से ब्लीडिंग शुरू हो गई। उसका यह भी आरोप है कि एक सीनियर नर्सिंग स्टाफ ने उसकी मां से कहा था कि इसे यहां क्यों ले आई, उसने तो कविता को बुलाया था।
महिला का आरोप बेबुनियाद है। उसे गर्भपात जैसा कोई इंजेक्शन नहीं लगाया गया। ब्लीडिंग रोकने का इंजेक्शन लगाया गया था, जो उसे कोटा से ही हो रहा था। – डॉ.संगीता जोगी, एचओडी गायनिक विभाग, सिम्स