कमलेश कुमार साहू, जो शासकीय प्राथमिक शाला गोदईया ब्लॉक बिल्हा में पदस्थ थे, उनके खिलाफ छात्राओं से अश्लील व्यवहार, आपत्तिजनक मैसेज भेजने और अनुचित शारीरिक संपर्क जैसे गंभीर आरोप थे। कमलेश साहू की पहली नियुक्ति शिक्षाकर्मी वर्ग-3 के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला जरौधा में हुई थी, जहां 2010 में पहली बार उनके खिलाफ छात्राओं से अनैतिक व्यवहार की शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद उन्हें जरौधा से कुंआ शाला में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन उनका व्यवहार नहीं बदला।
मार्च 2024 में 6 छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार के आरोप में उनके खिलाफ चार महिला अधिकारियों के जांच दल ने पुष्टि की थी, जिस पर उन्हें
निलंबित कर आरोप पत्र जारी किया गया। लेकिन इसके बाद भी उनके व्यवहार में सुधार नहीं आया। इसे संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश संयुक्त संचालक शिक्षा को दिया। शुक्रवार को जेडी ने शिक्षक कमलेश की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया।
जेल तक गया था शिक्षक
एक मामले में छात्रा की ओर से एफआईआर दर्ज होने के बाद शिक्षक कमलेश साहू को जेल भी भेजा गया, हालांकि अदालत ने सबूतों के अभाव में पाक्सो एक्ट के तहत उन्हें दोषमुक्त कर दिया था। बावजूद इसके, स्कूल में उनके व्यवहार को लेकर लगातार शिकायतें मिलती रहीं। प्रधान पाठिका करुणा दुबे और अन्य शिक्षकों ने भी उनके संदिग्ध आचरण की पुष्टि की थी।