पत्रिका से चर्चा
बजट से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग अपेक्षित है। वर्तमान में लगभग प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिए विद्यार्थी कोचिंग सेंटर में प्रवेश कर तैयारी करते हैं। इसके लिए कोचिंग पर 18% की जगह 5% जीएसटी लागू किया जा सकता है। इससे प्रत्येक वर्ग के पालकगण लाभान्वित होंगे। – डॉ. किरणपाल सिंह चावला, शिक्षाविद एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार को कुशल व उच्च कुशल श्रमिकों को तैयार करने के लिए संभागीय स्तर पर ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहिए। फूड प्रोसेसिंग यूनिट को इसकी सत जरूरत है। बिजली दर कम करना चाहिए,जिससे उनकी उत्पादन लागत कम हो। – राम सुखीजा, कोषाध्यक्ष, उद्योग संघ व सचिव दाल मिल एसोसिएशन
सरकार को धान की उन्नत किस्मों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। नवोदय विद्यालय जैसे और अच्छे स्कूल व उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नए स्पेशल इकॉनमी जोन बनाने की जरुरत है। नदियों और स्वच्छ जल स्त्रोत के संरक्षण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। – आशीष अग्रवाल, सीए
रसोई गैस, अनाज और खाद्य पदार्थों पर लगने वाले जीएसटी में कमी की जानी चाहिए। महिलाओं के उन्नयन और रोजगार वृद्धि के लिए पृथक राशि का प्रावधान होना चाहिए।
– रेवती यादव, महिला विंग, शिवसेना आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान महीने भर के अंदर हो। वर्तमान में इसके भुगतान मे सालों लग जा रहे हैं। ऐसे डॉक्टर जो किराए के भवन में अस्पताल चला रहे हैं, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
– डॉ.अशोक अग्रवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ युवाओं और बेरोजगारों को ध्यान मे रख के नई योजना लाई जानी चाहिए। स्टार्टअप के लिए बेरोजगार युवाओं के लिए आसान लोन की सुविधा दी जानी चाहिए। – आदित्य तिवारी, अधिवक्ता डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए। स्टार्टअप को बढ़ावा देने आर्थिक सहायता जरूरी है। – रंजेश सिंह, छात्र, बिलासपुर
खाद्य पदार्थों चावल, दाल, शक्कर सहित रोजमर्रा की जरूरतों के सामान के दाम लगातार बढ़ रहे ह्रैं। बजट में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगे, ताकि ज्यादातर लोगों को राहत मिल सके। – विनीता पांडेय, गृहणी
राज्य के कर्मचारी एवं पेंशनरों का महंगाई भत्ता केंद्र के समान हो। इसके अलावा 4 स्तरीय वेतनमान, 300 दिनों का अर्जित
अवकाश की घोषणा होनी चाहिए।
– जीआर चंद्रा, प्रदेश अध्यक्ष छग प्रदेश तृतीय शासकीय कर्मचारी संघ। बजट में नदियों के संरक्षण और पर्यावरण के लिए विशेष प्रावधान होना चाहिए। शहर के अंदर डिवाइडर व सड़कों के किनारों पर लगे पेड़-पौधों के संरक्षण, संवर्धन के साथ साथ, प्रत्येक मकानों/ अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तथा जीवन दायिनी नदियों को संरक्षित रखने के लिए स्कूली/महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं में जन जागरुकता अभियान के लिए विशेष बजट होना चाहिए। – श्याम मोहन दुबे, संस्थापक, अरपा अर्पण महाअभियान जन आंदोलन