एसोसिएशन की ये मांग
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि अवकाश अवधि में यानी 1 मई से 15जून तक शिक्षकों को किसी अन्य सरकारी या गैर-शैक्षणिक कार्य, जैसे जनगणना, सर्वे या निर्वाचन सूची अद्यतन में नहीं लगाया जाए। शर्मा के अनुसार, टीचिंग स्टाफ को इस समय का उपयोग आगामी शैक्षणिक सत्र की योजना बनाने, स्वयं के अध्ययन-अध्यापन को सुदृढ़ करने और पारिवारिक-सामाजिक दायित्व निभाने का अवसर मिलना चाहिए। एसोसिएशन ने विभाग से शिक्षक-हित में स्पष्ट परिपत्र जारी करने की मांग की है, ताकि जिलों-ब्लॉकों में आदेश का समान रूप से पालन हो। Holiday: कलेक्टर का बड़ा फैसला! अब बिना एसडीएम अनुमति के कर्मचारियों को नहीं मिलेगी छुट्टी, जानें वजह?
अतिरिक्त ड्यूटी से रखा जाए मुक्त
टीचर्स एसोसिएशन के प्रमुख पदाधिकारी संजय शर्मा, सुधीर प्रधान, वाजिद खान, हरेन्द्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, डॉ. कमल वैष्णव, मनोज सनाढ्य और शैलेंद्र पारीक ने संयुक्त रूप से मांग की है कि शिक्षकों को घोषित 45 दिनों का ग्रीष्मावकाश पूर्णत: अवकाश के रूप में ही दिया जाए और इस अवधि में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त ड्यूटी से मुक्त रखा जाए।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि
शिक्षकों के लिए सप्ताह में 6 कार्यदिवस होते हैं जबकि अन्य कर्मचारियों को 5 कार्यदिवस की सुविधा है, इसके बावजूद शिक्षकों को कम अर्जित अवकाश की पात्रता दी जाती है। टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से स्पष्ट निर्देश जारी करने की मांग की है, ताकि इस दौरान शिक्षकों को अन्य विभागीय कार्यों में न लगाया जाए।