CG News: इसलिए ग्रीन अमोनिया महत्वपूर्ण
ग्रीन अमोनिया प्लांट एक ऐसा संयंत्र है जो 100 नवीकरणीय और कार्बन-मुक्त स्रोतों से अमोनिया का उत्पादन करता है। यह अमोनिया बनाने के लिए पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से हाइड्रोजन और हवा से अलग नाइट्रोजन का उपयोग करता है। पारंपरिक अमोनिया उत्पादन प्रक्रिया में, प्रत्येक टन अमोनिया के लिए 2 टन कार्बनडाई ऑक्साइड उत्सर्जित होता है, जबकि ग्रीन अमोनिया उत्पादन में कोई कार्बनडाई ऑक्साइड उत्सर्जन नहीं होता है। इससे आने वाले समय में कृषि, उर्वरक, परिवहन और ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
एसईसीएल का राष्ट्रीय मिशन से तालमेल
भारत सरकार द्वारा घोषित 19,744 करोड़ रुपए के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत भारत को 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करना है। एसईसीएल की यह पहल इस राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और ग्रीन अमोनिया नीति का हिस्सा है।
एसईसीएल मुख्यालय
अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक एसईसीएल हरीश दुहन ने कहा की
बिलासपुर कोयला से क्लीन एनर्जी की ओर ग्रीन अमोनिया केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एसईसीएल की प्रतिबद्धता है। हम चाहते हैं कि कोयला कंपनियां भी राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन में अग्रणी भूमिका निभाएं।
15 को संवाद करेगा एसईसीएल
एसईसीएल ने इस परियोजना को गति देने के लिए 15 जुलाई को एक मार्केट एंगेजमेंट सेशन आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस सत्र के जरिए कंपनी तकनीकी विशेषज्ञों, ग्रीन अमोनिया समाधान प्रदाताओं और ईपीसी कंपनियों से संवाद कर अपनी ग्रीन अमोनिया परियोजना के लिए उपयुक्त साझेदार ढूंढ सके।