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बिलासपुर

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर इन राशियों की खुलेगी किस्मत, 28 साल बाद बना ये दुर्लभ योग, होगा लाभ

Makar Sankranti 2025: इस बार मकर संक्रांति पर 28 वर्षों बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब शनि और शुक्र एक ही राशि में स्थित होंगे।

बिलासपुरJan 08, 2025 / 11:33 am

Khyati Parihar

Makar Sankranti 2025
Makar Sankranti 2025: इस बार मकर संक्रांति पर 28 वर्षों बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब शनि और शुक्र एक ही राशि में स्थित होंगे। यह संयोग सत्ता पक्ष को मजबूती प्रदान करेगा और देश में कानून व्यवस्था को बल देगा। 14 जनवरी को दोपहर 3.17 बजे पुण्यकाल में गंगा स्नान और दान का महत्व रहेगा। 14 को सुबह 8.55 बजे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ धनु मलमास समाप्त हो जाएगा और 15 जनवरी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

शुभ संकेत और आध्यात्मिक प्रभाव

ज्योतिषाचार्य पंडित नवनीत व्यास के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति व्याघ्र वाहन पर आई है और इसका उपवाहन अश्व है। यह संयोग ऋषि, मुनियों और तपस्वियों के लिए विशेष रूप से शुभ साबित होगा। व्याघ्र वाहन का अर्थ है साहस, शक्ति और आत्मनिर्भरता का उदय, जबकि अश्व उपवाहन गति और ऊर्जा का प्रतीक है।

Makar Sankranti 2025: पीले वस्त्र धारण किए, बढ़ेगी सोने की कीमत

पंडित व्यास ने बताया कि संक्रांति ने पीले वस्त्र धारण किए हैं और कुमकुम का लेप लगाया है, जो सुख-समृद्धि और वैभव का संकेत है। इसके अलावा, पश्चिम दिशा में दृष्टि होने से सनातन धर्म और परंपराओं को बल मिलेगा। संक्रांति के इस स्वरूप से सोना, पीतल और अन्य धातुओं की कीमत बढ़ेगी।
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ज्योतिषीय प्रभाव

शनि और शुक्र के एक ही राशि में होने से आर्थिक स्थिरता के संकेत हैं। व्यापार और कृषि क्षेत्र में उन्नति की संभावना है। स्वर्ण व धातु के बाजार में उछाल के संकेत हैं, जिससे निवेशकों को लाभ हो सकता है।

Makar Sankranti 2025: गंगा स्नान का महत्व

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, दान और सूर्य उपासना का बड़ा महत्व है। इस दिन तिल, गुड़ और अन्न का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

शुभ योग का संयोग

इस वर्ष मकर संक्रांति पर पुष्य नक्षत्र और स्वग्रही योग का विशेष महत्व रहेगा। पुष्य नक्षत्र को अत्यधिक शुभ माना जाता है, जिससे दान-पुण्य और पूजा-पाठ का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए यह दिन आदर्श होगा।

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