Patrika Mahila Suraksha: शिकायत के बावजूद कार्रवाई में देरी
सिम्स के मेडिसिन विभाग की पीजी छात्रा ने कुछ दिन पहले उसी विभाग के एचओडी डॉ. पंकज पर शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना का जिक्र कर गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी
शिकायत डीन डॉ. रमणेश मूर्ति से की थी। इस पर अनदेखी किए जाने पर पीड़िता के सहयोगी रेजीडेंट्स डॉक्टरों ने भी मिल कर इसकी शिकायत दोबारा डीन से की।
बढ़ते दबाव को देखते हुए डीन ने आरोपी डॉक्टर को 6 फरवरी को विश्वविद्यालयीन परीक्षा कार्य से हटा दिया था। लेकिन पीड़िता ने इस कार्रवाई को महज लीपापोती बताते हुए इसकी शिकायत
छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन से की। फेडरेशन ने इसे गंभीरता से लेते हुए मामले का शिकायत पत्र सीधे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भेजा था।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
बता दें कि एक साल पहले सिम्स में इस तरह के मामले उजागर हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नोटिस देकर खानापूर्ति कर दी गई थी। इसमें एक मामले में सिम्स में उपचार के लिए भर्ती सेंट्रल जेल के एक कैदी की पत्नी ने सिम्स के एक डॉक्टर पर बेड शेयरिंग का ऑफर देने का आरोप लगाया था। इसके अलावा एक अन्य विभाग के एचओडी पर भी इंटर्न छात्रा ने यौन उत्पीड़न के
आरोप लगे थे।
जांच जारी..
सिम्स की मेडिकल छात्रा की छेड़खानी व मानसिक प्रताड़ना की शिकायत के मद्देनजर आरोपी डॉक्टर पंकज टेम्भूर्णीकर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच की जा रही है। छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने शिकायत पत्र में बताया गया था कि आपातकालीन ड्यूटी के दौरान विवाद करते हुए डॉ. पंकज ने उनका फोन तोड़ दिया था। इसी तरह पिछले लगभग 8 महीने से ड्यूटी में मौखिक दुर्व्यवहार, अनुचित स्पर्श और शत्रुतापूर्ण कार्य का वातावरण बनाने का उल्लेख था। इन गतिविधियों से न केवल उनकी काम करने की क्षमता बाधित हो रही है, बल्कि मानसिक रूप से से भी विचलित हैं।
इस शिकायत के बाद छात्रा को उम्मीद थी कि
आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा, पर काफी दिन बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ। आखिरकार छात्रा ने चुप्पी तोड़ते हुए इसकी शिकायत कोतवाली में दर्ज कराते हुए एफआईआर करने की गुजारिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी डॉ. पंकज के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई है।