तमिल संस्कृति-इतिहास की अनदेखी पर भड़के आर माधवन, पूछा- सिलेबस कौन तय करता है?
R Madhavan History Controversy: आर माधवन ने स्कूलों में पढ़ाए जा रहे इतिहास के सिलेबस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने तमिल संस्कृति और इतिहास के साथ नाइंसाफी की बात की है।
R Madhavan History Controversy: बॉलीवुड स्टार आर माधवन को हाल ही में फिल्म ‘केसरी 2’ में देखा गया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में इतिहास की स्कूली किताबों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर इतिहास का पाठ्यक्रम तय किसने किया और क्यों दक्षिण भारत की महान सभ्यताओं को कम महत्व दिया गया है।
आर माधवन ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू कहा-“जब मैंने स्कूल में इतिहास पढ़ा था, तब मुगलों के ऊपर 8 चैप्टर थे। हड़प्पा-मोहनजोदड़ो पर 2 चैप्टर थे, स्वतंत्रता संग्राम और ब्रिटिश शासन पर 4 चैप्टर थे। लेकिन चोल, पांड्य, पल्लव और चेरा जैसे महान दक्षिण भारतीय साम्राज्यों पर सिर्फ 1 चैप्टर था।”
चोल साम्राज्य की महानता को क्यों नजरअंदाज किया गया?
आर माधवन माधवन ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा-“चोल वंश की विरासत 2400 साल पुरानी है। उन्होंने समुद्री रास्तों से व्यापार को बढ़ावा दिया और उनका साम्राज्य कंबोडिया तक फैला था। उन्होंने अंगकोरवाट जैसे मंदिर बनवाए और भारतीय संस्कृति को चीन व कोरिया तक पहुंचाया। इसके बावजूद हमारी किताबों में चोल वंश को सिर्फ 1 चैप्टर में समेटा गया है। ये सरासर अन्याय है।”
आर माधवन ने भारतीय भाषाओं और संस्कृति को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा-“तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है, लेकिन देश के बाकी हिस्सों में इसके बारे में कोई चर्चा नहीं होती। हमारी प्राचीन संस्कृति और उसमें छिपे विज्ञान को मजाक बनाकर पेश किया जाता है। ये पाठ्यक्रम आखिर किसने तय किया है?”
ये सारी बातें उन्होंने अपनी फिल्म केसरी-2 के बारे में बात करते हुए कही, जो जलियांवाला बाग कांड पर आधारित है। उन्होंने अंग्रेजों पर भी इतिहास को गलत तरीके से पेश करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इतिहास के ब्रिटिश संस्करण ने जलियांवाला बाग के सच को छुपा दिया।