मंडी में पीछे की ओर करीब पांच सौ फीट दीवार क्षतिग्रस्त हो कर नीचे गिरी हुई है। वहीं सुरक्षा दीवार कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो रही है। खेतों में फसल कटाई हो जाने के बाद मवेशी चरने के लिए छोड़ दिए गए हैं और मंडी के समीप खेतो में चरने वाले जानवर क्षतिग्रस्त स्थानों से मंडी में प्रवेश कर जाते हैं, जो विचरण करते हुए मंडी परिसर में किसानों के खुले में पड़े ढेरों में मुंह मार कर नुकसान पहुंचा रहे थे। समस्या को देखते हुए व्यापारियों एवं किसानों की मांग पर राजस्थान पत्रिका ने किसानों की आवाज उठाई और समाचार प्रकाशित किया गया। समाचार प्रकाशित होने के दूसरे दिन ही मंडी प्रशासन हरकत में आया और वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार पर कांटेदार बाड़ करवाने का कार्य शुरू किया गया है।
मंडी की क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार को फिर से बनवाने के लिए प्रस्ताव भेज रखा है और स्वीकृति मिलने पर जल्द सुरक्षा दीवार का का निर्माण कार्य करवाया जाएगा। मंडी में मवेशियों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जा रही है और क्षतिग्रस्त स्थानों पर कांटेदार बाड़ की गई है।
सुरेश चंद शर्मा, मंडी सचिव, कापरेन