प्रवेशोत्सव यानी सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने की एक मुहिम होती है, जिसमें हर साल की भांति विभाग की ओर से प्रत्येक जिलों को गत वर्ष से 10 फीसदी नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य मिलता है। बकायदा शिक्षक इसके लिए जुटते भी है। हालांकि हर साल यह मई से जुलाई के बीच चलता है,लेकिन इस बार यह अप्रेल से ही शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि मई में राज्य स्तरीय परीक्षा के कारण पूरा शैक्षिक कैलेंडर बदल दिया गया है।
शिक्षकों को शाला दर्पण एप के माध्यम से यह सभी जानकारी दर्ज करनी होगी। पहली कक्षा में प्रवेश के लिए अस्थायी प्रमाण पत्र सर्वे कर रहे शिक्षक द्वारा मौके पर ही दिया जाएगा। वहीं आठ मई को राज्य स्तरीय परीक्षा समाप्त होगी और 17 मई से ग्रीष्मावकाश शुरू हो जाएगा। ऐसे में शिक्षा विभाग को अपनी कार्य कुशलता साबित करनी थी तो उन्होंने 15 अप्रैल से ही प्रवेशोत्सव की शुरुआत कर दी।
प्रथम चरण: (15 अप्रेल से 16 मई)
हाउस होल्ड सर्वे और बच्चों का चिन्हिकरण: 15 अप्रेल से 9 मई तक
नामांकन अभियान और सीआरसी मॉड्यूल में प्रविष्टि: 10 मई से 16 मई तक
द्वितीय चरण: (1 जुलाई से 18 अगस्त)
पुन: हाउसहोल्ड सर्वे: (1 जुलाई से 24 जुलाई तक)
शेष बच्चों का नामांकन अभियान: 25 जुलाई से 18 अगस्त तक
ओम गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी, बूंदी