169 स्कूलों में एक भी बच्चों की नहीं बनी अपार आईडी, आधार ने उलझाया
अमीर उद्दीन, बुरहानपुर. नई शिक्षा नीति के तहत जिले की सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की अपार आईडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट) बनाई जा रही है, लेकिन आईडी बनाने के कार्य को शिक्षा विभाग गंभीरता से नहीं ले रहा है।यही कारण है कि अभी तक लक्ष्य के अनुरूप 20 फीसदी बच्चों की आईडी यू डाइस पोर्टल पर अपडेट हुई है।आधार में नाम,जन्म, स्पेलिंग गलत होने से पोर्टल पर आईडी रिजेक्ट हो रही है। 30 नवंबर अंतिम डेट होने के बाद भी यह कार्य दिसंबर तक पूरा नहीं हो पाया।
जिले की 822 स्कूलों के एक लाख 53 हजार 718 छात्र- छात्राओं का अपार कार्ड बनाना है। इसमें से अभी तक 33 हजार 922 ही अपार कार्ड बना है। जबकि राज्यस्तर पर जिले में अपार आईडी कार्ड बनाने की रफ्तार थीमी है।एक लाख 15 हजार 289 बच्चों की आईडी बनाना शेष है। जिले की 169 स्कूलें ऐसी है, जहां पर एक भी बच्चे की आईडी नहीं बन सकी है,जबकि ऐेसी स्कूलों के प्राचार्य, हेडमास्टरों और संचालकों पर कार्रवाई तक शुरू नहीं हुई। यह नई शिक्षा का हिस्सा होने पर भी इस मामले को जिला शिक्षा अधिकारी ने गंभीरता से नहीं लिया है।
102 रिजेक्ट,44 हजार की फील्ट
स्कूली बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड में नाम,जन्म अलग,अलग होने के साथ नाम में संशोधन होने के कारण आईडी रिजेक्ट भी हो रही है।आधार कार्ड के कारण अभी तक 102 आईडी रिजेक्ट हो गई है, जबकि 4405 आईडी फील्ट हो गईहै। शासकीय एवं निजी स्कूलों के पालकों से भी बच्चों के नाम सही करने एवं एक बार आईडी अपलोड होने के बाद किसी प्रकार का संसोधन नहीं होने की बात कही जा रही है।ऐसे में पालकों से कहा जा रहा है कि अपनी दस्तोजों में नाम जल्द संसोधन कराए।
यह दस्तावेज जरूरी
अपार आईडी के लिए छात्र की जानकारी जैसे नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि और लिंग प्रमाणित करना है।केंद्र सरकार के यू डाइस पोर्टल पर आधार नंबर लिंक किया जाना है। यह प्रक्रिया होने पर छात्र की अपार आईडी पोर्टल पर जनरेट होगी। अगर किसी छात्र का नाम व जन्म तिथि अलग तो सुधारे।अधूरा नाम या सरनेम नहीं आना व जन्म तिथि का भी मिलान नहीं होने पर आईडी रिजेक्ट हो रही है।
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