- समय पर बिलों का भुगतान करें
समय पर सभी प्रकार के बिलों का भुगतान (जैसे क्रेडिट कार्ड, लोन, आदि) करें। बिलों के भुगतान में देरी आपके क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
- क्रेडिट कार्ड बैलेंस कम करें
अपने क्रेडिट कार्ड का बैलेंस कम रखें। यदि आप अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा उपयोग करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को घटा सकता है। कोशिश करें कि बैलेंस हमेशा कम हो, ताकि क्रेडिट उपयोग का अनुपात (credit utilization ratio) अच्छा बना रहे।
- क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें
अपने क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करें और सुनिश्चित करें कि उसमें कोई गलती नहीं है। यदि कोई गलत जानकारी है, तो उसे सुधारने के लिए संबंधित संस्था से संपर्क करें।
- क्रेडिट हिस्ट्री लंबी रखें
आपके क्रेडिट हिस्ट्री की लंबाई भी आपके स्कोर पर प्रभाव डालती है। पुरानी क्रेडिट लाइन्स को बंद न करें, क्योंकि इससे आपका क्रेडिट हिस्ट्री छोटा हो सकता है।
- क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के बारे में सोचें
यदि आप अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वाते हैं, तो यह आपके क्रेडिट उपयोग को कम कर सकता है और आपके स्कोर में सुधार कर सकता है, बशर्ते आप इसका उपयोग सही तरीके से करें।
- नए क्रेडिट आवेदन से बचें
अधिक क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन करने से बचें, क्योंकि इससे आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। हर बार नए आवेदन पर क्रेडिट चेक किया जाता है, और ज्यादा चेक करने से स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- क्रेडिट मिश्रण बनाए रखें
अपने क्रेडिट में विविधता बनाए रखें। यानि, केवल क्रेडिट कार्ड नहीं बल्कि पर्सनल लोन, होम लोन, आदि का भी इस्तेमाल करें, लेकिन इसका उपयोग सटीक तरीके से करें।
- समय-समय पर पुराने लोन का भुगतान करें
यदि आपने पहले कोई लोन लिया था और बाकी बचा हुआ है, तो उसे समय पर चुकता करें। यह आपके क्रेडिट हिस्ट्री को साफ और सकारात्मक बनाए रखेगा।
कैसे चेक करें क्रेडिट स्कोर?
क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए, सबसे पहले आपको एक क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर जाना होता है। भारत में प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो जैसे CIBIL (TransUnion CIBIL), Experian, Equifax, और CRIF High Mark हैं। इनकी वेबसाइट पर जाकर आपको रजिस्ट्रेशन करना होता है, जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, पैन कार्ड और जन्म तिथि जैसी जानकारी भरनी पड़ती है। रजिस्ट्रेशन के बाद, आपको सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसमें आपकी दी गई जानकारी को क्रेडिट ब्यूरो द्वारा पुष्टि किया जाता है। सत्यापन के बाद, आपको अपना क्रेडिट स्कोर प्राप्त होता है, जो आपके वित्तीय व्यवहार, उधारी की स्थिति और समय पर भुगतान की आदतों के आधार पर तय किया जाता है।