मिरर ट्रेडिंग और नकली वॉल्यूम उत्पन्न किया गया
जेन स्ट्रीट की फर्मों ने एक साथ खरीद और बिक्री करके नकली ताकत और वॉल्यूम दिखाया, जिससे इंडेक्स पर नियंत्रण बना रह सके – जबकि इनका वास्तविक जोखिम या मुनाफा बाहर से नहीं दिखता था ।SEBI ने दर्ज किए अरबों रुपये के लाभ अवैध
SEBI का कहना है कि जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक जेन स्ट्रीट ने 36,500 करोड़ रुपये का कुल मुनाफा कमाया, जिसमें से 43,289 करोड़ ऑप्शंस से थे। इसमें से इंडेक्स मैनिपुलेशन से 4,843 करोड़ रुपये जब्त किए गएबाजार की रक्षा के लिए कदम उठाए गए
SEBI ने कंपनी को भारतीय बाजारों में बंद कर दिया और इस अवधि तक कोई ट्रेडिंग पर रोक लगाई है। साथ ही सभी बैंक खाते सील करवा दिए गए हैं और खुली पोज़िशन बंद करने के लिए तीन महीने या एक्सपायरी तक का समय दिया गया ।जेन स्ट्रीट का रुख़
कंपनी मानती है कि उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने SEBI से बहस करने और मामले को स्पष्ट करने का आश्वासन दिया है ।क्या है मामला – पूरी कहानी
जेन स्ट्रीट नाम की एक बड़ी अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म पर आरोप है कि उसने भारत के शेयर बाज़ार में एक बहुत ही तेज़ और चतुर रणनीति अपनाकर हज़ारों करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया। इसने ‘एक्सपायरी डे’ यानी विकल्पों की अंतिम तिथि वाले दिन मार्केट को जान-बूझकर कुछ मिनटों में ऊपर-नीचे किया ताकि इसके पास जो ऑप्शन ट्रेड थे, वो फायदे में आ जाएं।सुबह बाजार खुलते ही, कंपनी ने बैंक निफ्टी और निफ्टी-50 के स्टॉक्स और फ्यूचर्स में भारी निवेश किया। इससे बाज़ार में एक दिशा का भ्रम बनता था। फिर बाज़ार बंद होने से कुछ मिनट पहले उन शेयरों को तेज़ी से बेचकर कीमतों को गिरा या बढ़ा दिया जाता। इसका सीधा फायदा उनके ऑप्शन ट्रेड्स को मिलता, जो उन्हीं कीमतों पर निर्भर थे।एक दिन का उदाहरण
17 जनवरी 2024 को, जेन स्ट्रीट ने पहले ₹4,370 करोड़ की खरीदारी की। शाम तक वही पोजिशन बेचकर और ऑप्शन्स शॉर्ट करके ₹673 करोड़ का फायदा उठा लिया।मुनाफा कितना कमाया ?
SEBI के मुताबिक: जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक कुल मुनाफा: ₹36,500 करोड़ से ज्यादा।कब-कब किया गया ऐसा ?
SEBI ने 18 ऐसे ट्रेडिंग दिन चिह्नित किए हैं जब ये रणनीति अपनाई गई:इस केस में किसने क्या कहा ?
सेबी (रेग्युलेटर) का रुख: SEBI ने इसे “फ्रॉड जैसा व्यवहार” बताया और तुरंत कार्रवाई करते हुए अंतरिम बैन और मनी सीज़र का आदेश जारी कर दिया।सुलगते सवाल : अब क्या होगा आगे ?
SEBI का आदेश अभी अंतरिम (अस्थायी) है, लेकिन जांच के बाद यह स्थायी कार्रवाई में बदल सकता है। जेन स्ट्रीट इस पर SAT (Securities Appellate Tribunal) में अपील कर सकती है।यह पहलू नजरअंदाज ना करें
एल्गोरिदम पर कड़ी नजर:सेबी अब हर उस ट्रेडिंग सिस्टम का ऑडिट करेगी, जो तेजी से बड़ी मात्रा में ऑर्डर प्रोसेस करता है।