एम्फी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में 3.5 लाख नए फोलियो जुड़े हैं, जिससे अप्रेल 2025 तक फोलियो की संख्या बढक़र लगभग 58 लाख हो गई है। यह रुझान निवेशकों के बीच संतुलित और स्थिर निवेश की बढ़ती मांग को दर्शाता है। एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स ने अलग-अलग समयावधि में शानदार रिटर्न दिए हैं। औसतन, इन फंड्स ने पिछले एक साल में करीब 9% तो पांच साल में सालाना 21% रिटर्न दिया है। ये फंड्स अन्य हाइब्रिड फंड्स से अलग हैं, क्योंकि इनमें 65-80% हिस्सा शेयरों में निवेश होता है, जो अधिक रिटर्न की संभावना तो देता है, पर जोखिम भी बढ़ाता है। ट्रेडजिनी के त्रिवेश डी ने बताया कि ये फंड्स उन निवेशकों के लिए सही हैं जो मध्यम जोखिम ले सकते हैं और 3-5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं।
अवसरों का लाभ उठाने की रणनीति
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स का भविष्य बेहतर दिख रहा है। एक्सपट्र्स का मानना है कि अब बाजार में व्यापक तेजी के बजाय कुछ खास सेक्टरों और कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिलेगा। जर्मिनेट इनवेस्टर सर्विसेज के सीईओ संतोष जोसेफ ने कहा, बाजार अब सेक्टर और कंपनी-विशिष्ट घटनाओं पर ज्यादा निर्भर होगा। ऐसे में लचीली रणनीति अपनाने वाले फंड मैनेजर उभरते अवसरों का बेहतर उपयोग कर पाएंगे।
कुछ फंड्स का शानदार प्रदर्शन
कुल 31 एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स ने पिछले एक साल में औसतन 9 फीसदी रिटर्न दिया। कुछ टॉप प्रदर्शन करने वाले फंड्स में डीएसपी एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, बंधन एग्रेसिव हाइब्रिड, महिंद्रा मैन्यूलाइफ एग्रेसिव हाइब्रिड, इन्वेस्को इंडिया एग्रेसिव हाइब्रिड और एसबीआइ इक्विटी हाइब्रिड फंड शामिल हैं। इन फंड्स ने पिछले एक साल में 12-18%, दो साल में 19-24% और पांच साल की अवधि में सालाना 18.5-24% रिटर्न दिया।