Post Office की इस स्कीम से बनाएं 50 लाख रुपये का फंड, Tax में भी मिलेगी छूट, समझें कैलकुलेशन
PPF Calculator: पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट की मैच्योरिटी अवधि को आवेदन देकर 5-5 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। इस स्कीम में 7.1 फीसदी सालाना ब्याज दर मिल रही है।
पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम 15 साल में मैच्योर होती है। (PC: Pixabay)
Public Provident Fund Account: किसी भी व्यक्ति के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल कदम होता है। अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं, तो आपको इसके बारे में अधिक सीरियस होना चाहिए। रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़े निवेश विकल्पों में आप PPF को भी शामिल कर सकते हैं। पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में आप पोस्ट ऑफिस या बैंक के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में आता है। सरकार हर 3 महीने में इसकी ब्याज दर तय करती है। इस स्कीम में आप एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में इस समय 7.1 फीसदी सालाना ब्याज दर मिल रही है। यह सालाना चक्रवृद्धि ब्याज दर है। सरकार हर 3 महीने में इस स्कीम की ब्याज दर तय करती है। हर वित्त वर्ष के आखिर में ब्याज खाते में जमा होगा। पीपीएफ में मिला ब्याज टैक्स फ्री होता है।
कितना कर सकते हैं निवेश?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा कर सकते हैं। वहीं, एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कराए जा सकते हैं। निवेशक एकमुश्त या किस्तों में अपनी रकम जमा करा सकता है। निवेशक एक साल में कितनी भी किस्तों में पैसा जमा करा सकता है। पीपीएफ में जमा रकम में आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा उठाया जा सकता है। खाता खुलने वाले साल के अलावा 5 साल बीत जाने के बाद सब्सक्राइबर एक वित्त वर्ष में एक निकासी कर सकता है।
कौन खुला सकता है खाता?
एक व्यस्क भारतीय निवासी इस स्कीम में खाता खुलवा सकता है। इसके अलावा नाबालिग या मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति के नाम पर अभिभावक खाता खुलवा सकते हैं। एक व्यक्ति द्वारा देशभर में सिर्फ एक ही पीपीएफ अकाउंट खुलवाया जा सकता है, चाहे वह पोस्ट ऑफिस में हो या बैंक में।
PPF खाता बंद होने पर कैसे चालू कराएं?
अगर किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा नहीं किये जाते हैं, तो वह पीपीएफ खाता बंद हो जाता है। आप इस बंद हुए खाते से निकासी नहीं कर सकते हैं। ऐसे खाते को मैच्योरिटी से पहले न्यूनतम 500 रुपये का निवेश+ हर डिफॉल्टेड ईयर के लिए 50 रुपये डिफॉल्ट फीस देकर फिर चालू किया जा सकता है।
लोन की भी है सुविधा
जिस वित्त वर्ष में खाता खुलवाया है, उसके खत्म होने के एक साल बाद पीपीएफ अकाउंट पर लोन भी लिया जा सकता है। जिस वित्त वर्ष में खाता खुलवाया है उसके आखिर से 5 साल पूरे होने तक लोन लिया जा सकता है। एक वित्त वर्ष में सिर्फ 1 ही लोन लिया जा सकता है। अगर लोन 36 महीने के अंदर चुका दिया जाता है, तो ब्याज दर 1 फीसदी सालाना लगेगी। अगर 36 महीने की अवधि के बाद लोन चुकाया जाता है, तो 6 फीसदी सालाना की दर से ब्याज दर लगेगी।
मैच्योरिटी
पीपीएफ अकाउंट 15 वित्त वर्ष के बाद मैच्योर होता है। इसमें अकाउंट खुलने वाला वित्त वर्ष शामिल नहीं है। मैच्योरिटी के समय निवेशक के पास कई विकल्प होते हैं। निवेशक चाहे तो अकाउंट बंद कराकर मैच्योरिटी का पैसा ले सकता है। निवेशक चाहे तो पैसे को पीपीएफ अकाउंट में ही रहने दे सकता है और नया कंट्रीब्यूशन रोक सकता है। ऐसी स्थिति में मैच्योरिटी पेमेंट पर पीपीएफ का ब्याज मिलता रहेगा। निवेशक जब चाहे तब यह पैसा निकाल सकता है। तीसरा ऑप्शन यह है कि निवेशक पोस्ट ऑफिस में एक्सटेंशन फॉर्म डालकर अपने अकाउंट को 5 साल के लिए आगे बढ़ा सकता है। निवेशक चाहे तो इससे आगे भी 5-5 साल के लिए अपने पीपीएफ खाते को आगे बढ़ा सकता है।
कैसे बनेगा 50 लाख रुपये का फंड?
अगर आप पीपीएफ अकाउंट में हर साल 1.5 लाख रुपये या महीने के 12,500 रुपये जमा करें, तो 17 साल में 49,99,109 रुपये का फंड जमा हो जाएगा। इसमें 25,50,000 रुपये आपके द्वारा किया गया निवेश होगा। वहीं, 24,49,109 रुपये ब्याज आय होगी। इसके लिए आपको 15 साल की मैच्योरिटी पूरी होने से पहले पीपीएफ अकाउंट को 5 साल आगे बढ़ाने का आवेदन करना होगा। जब 17 साल पूरे हो जाएं तो आप मैच्योरिटी अमाउंट के ये करीब 50 लाख रुपये निकाल सकते हैं।
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