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शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने 12 दिसंबर 2018 को आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) के रूप में पदभार संभाला था। उनका कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हुआ था जब उनके पूर्ववर्ती उर्जित पटेल ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। दास का कार्यकाल आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण समय के लिए जाना जाएगा। इस दौरान उन्होंने भारत की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई बड़ी चुनौतियों का सामना किया, जिसमें कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी समस्याएं शामिल रहीं। महंगाई पर नियंत्रण और आर्थिक सुधारों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।
बदलाव और चुनौतियों का नेतृत्व
दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त शक्तिकांत दास वित्त मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उन्होंने आर्थिक मामलों और राजस्व विभाग के सचिव के रूप में भी सेवाएं दीं। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) के रूप में उन्होंने महंगाई, बैंकिंग सुधार, और नीतिगत स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया। कोविड के दौरान जब आर्थिक तंगी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया था, दास ने नीतिगत फैसलों से अर्थव्यवस्था को संभाला।
सोशल मीडिया पर जताया आभार
अपने विदाई संदेश में उन्होंने लिखा, आज मैं आरबीआई गवर्नर के रूप में पद छोड़ दूंगा। आप सभी का समर्थन और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष धन्यवाद करते हुए लिखा, पीएम नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत आभार, जिन्होंने मुझे देश की सेवा का अवसर दिया। उनके मार्गदर्शन और सोच ने मेरी भूमिका को आसान और प्रभावी बनाया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी उन्होंने आभार प्रकट करते हुए लिखा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद। राजकोषीय और मौद्रिक समन्वय ने कई आर्थिक संकटों का समाधान किया।
अब संजय मल्होत्रा संभालेंगे जिम्मेदारी
शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) के बाद आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) का पद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा संभालेंगे। 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी मल्होत्रा को आरबीआई का 26वां गवर्नर नियुक्त किया गया है। उन्होंने नवंबर 2020 में आरईसी के चेयरमैन और एमडी के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके पहले वे ऊर्जा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी थे। ये भी पढ़े:- ग्राहकों की सुरक्षा के लिए RBI का बड़ा फैसला, ATM से कैश निकासी के नियमों में होगा बदलाव शक्तिकांत दास का प्रभावशाली कार्यकाल
शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का छह साल का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ। उन्होंने न केवल चुनौतियों का सामना किया बल्कि देश को आर्थिक रूप से मजबूत करने में भी योगदान दिया। उनके नेतृत्व में आरबीआई ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संजय मल्होत्रा उनके द्वारा बनाए गए मानकों को कैसे आगे बढ़ाते हैं।