ई-केवाइसी नहीं तो राशन नहीं
जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) के अनुसार, जिले में लगभग 83 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हालांकि, 2 लाख 46 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी अभी भी पेंडिंग है, जो राशन प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं। ई-केवाइसी में पेंडिंग रहने वाले उपभोक्ताओं में से 7 हजार ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने 12 राज्यों में राशन लेने की जानकारी दी है, जो कि वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत किया जा रहा था। इन परिवारों के राशन कार्ड की ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है, जिसके कारण उनका राशन इस माह बंद कर दिया गया है।
मई माह का नहीं मिलेगा राशन
ई-केवाइसी प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी के अनुसार, जिले के विभिन्न उपभोक्ता गोवा, दमन दीव, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में राशन ले रहे हैं। इन उपभोक्ताओं का राशन तभी मिलेगा जब उनकी ई-केवाइसी पूरी होगी। डीएसओ का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं की 30 अप्रेल तक ई-केवाइसी पूरी नहीं हुई है, उन्हें मई माह में खाद्यान्न नहीं मिलेगा।
पीडीएस को पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाइसी
देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पारदर्शी और कारगर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाइसी प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है। इसका उद्देश्य असल लाभार्थियों को ही सब्सिडी का फायदा पहुंचाना और फर्जीवाड़ा को रोकना है। सरकार ने इसके लिए 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया था, लेकिन कई उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे उपभोक्ताओं को राशन की सुविधा से वंचित किया जा सकता है।
आधार से राशन कार्ड लिंक किया
ई-केवाइसी प्रक्रिया के तहत राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जाता है और इसके माध्यम से उपभोक्ताओं के विवरण की पुष्टि की जाती है। यदि कोई उपभोक्ता इस प्रक्रिया को समय पर पूरा नहीं करता है, तो उनका राशन कार्ड अस्थायी रूप से निलंबित हो सकता है और उन्हें सरकारी अनाज की सुविधा से वंचित किया जा सकता है।