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छतरपुर

रक्तदान के प्रति जागरुक हो रहे लोग, एक साल में साढ़े 8 हजार लोगों ने किया रक्तदान

1 अप्रेल 2024 से 20 मार्च 2025 तक जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में कुल 8584 रक्तदाताओं ने अपना रक्त दान किया। इस रक्तदान से कुल 8066 मरीजों को जीवन रक्षक सहायता मिली।

छतरपुरMar 24, 2025 / 10:17 am

Dharmendra Singh

boold donation

रक्तदान करते हुए

जिले में रक्तदान को लेकर लोगों में जागरुकता लगातार बढ़ रही है, जिसका सकारात्मक प्रभाव अब देखने को मिल रहा है। सरकारी और समाजसेवी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे जागरुकता अभियान के परिणाम स्वरूप पिछले एक साल में लगभग साढ़े 8 हजार लोगों ने रक्तदान किया है, जिससे कई जरूरतमंदों की जान बचाई जा सकी।
जिला अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रेल 2024 से 20 मार्च 2025 तक जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में कुल 8584 रक्तदाताओं ने अपना रक्त दान किया। इस रक्तदान से कुल 8066 मरीजों को जीवन रक्षक सहायता मिली। डॉ. आरती बजाज बताया कि इस अवधि के दौरान 23 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया था, जिससे इस प्रक्रिया को और भी सुविधाजनक बनाया गया। रक्तदान दान के ये आकंड़े उनके पूर्व पदस्थ रही डॉ. श्वेता गर्ग के कार्यकाल की है।

रक्तदान से दानकर्ता को भी लाभ


डॉ. बजाज ने कहा कि रक्तदान न केवल दूसरों की मदद करने का एक साधन है, बल्कि यह दाता के शरीर के लिए भी फायदेमंद है। रक्तदान से शरीर में नयापन आता है और इससे कई प्रकार की बीमारियों से बचाव भी होता है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक शिविर में स्थानीय लोगों का उत्साह और जागरूकता देखकर यह समझा जा सकता है कि अब लोग रक्तदान को एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में देख रहे हैं।

जागरुकता अभियान का असर


सरकार और विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं द्वारा रक्तदान के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम और शिविरों का आयोजन किया गया। स्कूलों, कॉलेजों, व्यापारिक संस्थाओं और सरकारी विभागों में रक्तदान के महत्व पर व्याख्यान और जागरुकता अभियान चलाए गए, जिससे लोगों को रक्तदान की अहमियत समझ में आई। जिला अस्पताल में आयोजित शिविरों में युवा वर्ग की भागीदारी भी अधिक रही। रक्तदान के प्रति लोगों का यह रुझान बताता है कि अब समाज में इस नेक कार्य को लेकर एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

समाजसेवी संगठनों का योगदान


इस उपलब्धि में समाजसेवी संगठनों और रक्तदान के प्रति जागरुकता फैलाने वाले विभिन्न समूहों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन संस्थाओं द्वारा आयोजित किए गए शिविरों ने न केवल रक्तदाताओं को प्रेरित किया बल्कि रक्त की कमी के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान भी किया। अब यह देखा जा रहा है कि लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह न केवल स्वास्थ्य सेवा की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है।

रक्तदान के महत्व पर जोर


रक्तदान के महत्व को समझाते हुए डॉ. श्वेता गर्ग ने कहा कि रक्तदान से किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है। यह एक ऐसा कार्य है जिसमें दाता को कुछ भी खोना नहीं होता, बल्कि वह किसी और की जिंदगी में एक अमूल्य योगदान दे रहा होता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे रक्तदान को एक नियमित और जिम्मेदार कार्य के रूप में लें, जिससे अधिक से अधिक लोगों की मदद की जा सके। जिला अस्पताल की ओर से किए गए इस प्रयास की सराहना करते हुए स्थानीय नागरिकों ने कहा कि रक्तदान जैसे सामाजिक कार्यों में सभी को योगदान देना चाहिए। ऐसे आयोजनों से न केवल रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित होती है, बल्कि समाज में एकजुटता और सहानुभूति का भाव भी जागृत होता है।

ज्यादा शिविर लगाने के प्रयास जारी


इस सफलता को देखते हुए जिला अस्पताल और समाजसेवी संगठनों का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में रक्तदान के आंकड़े और अधिक बढ़ाए जाएं। इसके लिए और भी ज्यादा शिविर लगाए जाएंगे और रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नए रास्ते खोजे जाएंगे।

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