व्यापक राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व के विषय शामिल
आरडीसी की बैठकों में कुलगुरु की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय परिक्षेत्र से बाहर के विषय विशेषज्ञ, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और अध्ययन मण्डल के अध्यक्ष भाग ले रहे हैं। इस वर्ष शोध के लिए तय किए गए विषय न केवल स्थानीय मुद्दों और सामाजिक समस्याओं से जुड़े हैं, बल्कि इनमें व्यापक राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व के विषय भी शामिल किए गए हैं। विशेष रूप से अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, ऑपरेशन सिंदूर का भू-सामरिक महत्व जैसे समसामयिक मुद्दों को शोध के लिए चुना गया है। समाजशास्त्र में परिवर्तन बनाम परंपरा, समाज में सिनेमा की भूमिका, युवा वर्ग और सोशल मीडिया की लत, स्व सहायता समूहों का योगदान जैसे विषयों पर भी शोध कार्य प्रस्तावित हैं। आरडीसी में विषयों की पुनरावृत्ति से बचने और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
तथ्यात्मक डाक्यूमेंट्री तैयार की
विश्वविद्यालय के नवाचार प्रयासों के तहत प्रो. जेपी शाक्य जनजातीय समुदायों के जीवन पर एक विशेष परियोजना पर कार्य कर रहे हैं। वहीं चित्रकला विभाग के छात्र वरुण द्वारा बनाया गया महाराजा छत्रसाल का अभिमुख चित्र अद्वितीय माना जा रहा है, जो पहले कहीं देखने को नहीं मिला। कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के विधान पाठक ने महाराजा छत्रसाल पर आधारित तथ्यात्मक डाक्यूमेंट्री तैयार की है, जो विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित हो रही है और बड़ी संख्या में दर्शकों द्वारा सराही जा रही है।
प्रवेश परीक्षा 15 जून को
चालू सत्र के लिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा 15 जून को प्रस्तावित है, जिसके लिए आवेदन 31 मई तक आमंत्रित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का उद्देश्य शोध को केवल अकादमिक दायरे में सीमित न रखकर समाजोपयोगी और समयानुकूल बनाना है, जिससे शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य सार्थक हो सके।