गौरतलब है कि भूमिगत कोयला खदान माथनी में 15 जनवरी को खदान के बंद सेक्शन के स्टापिंग लीक होने से आग लग गई। इसके बाद खदान में गैस का रिसाव शुरू हो गया। तभी से खदान बंद थी। इसके पहले एक जनवरी को खान में दुर्घटना के बाद वैसे ही उत्पादन पर बुरा असर पड़ा था। खदान में कार्यरत लगभग 200 कर्मचारियों को बिना काम के वेतन पर लाखों रुपए व्यय हो रहा था।
बैतूल हादसे के बाद लिया निर्णय
श्रमिक संगठनों ने खदान में नए सेक्शन से उत्पादन का प्रस्ताव प्रबंधन को दिया था जिसमें 6 डिप 12 लेबल, 7 डिप 12 लेबल से गैलरी चलाकर 14 लेबल 6 डिप गैलरी ज्वाइन कर 24 लेबल पहुंचने की कार्ययोजना बनाई गई थी, लेकिन पिछले दिनों बैतूल के छतरपुर कोयला खदान में रूफ फॉल होने से तीन अधिकारियों की मौत होने के बाद प्रबंधन ने सुरक्षा कारणों से इस प्रस्ताव पर विचार करने से मना कर दिया।
दावे व आपत्तियां नहीं दिए गए तो स्वीकृत होने भोपाल चली जाएगी फाइल
एक अप्रेल से लागू हो रहे नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले की जमीन पर औसत 7.21 प्रतिशत की दर से प्रस्तावित की गई है। इस पर 18 मार्च तक दावे-आपत्तियां की जा सकती हैं। इसके बाद इस मूल्यवृद्धि प्रस्ताव की फाइल स्वीकृति के लिए भोपाल भेज दी जाएगी। 13 मार्च को हुई जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में उप जिला मूल्यांकन समितियों से प्राप्त 964 लोकेशन में मूल्यवृद्धि का प्रस्ताव रखा गया था। कलेक्टर की अध्यक्षता में सदस्यों ने इन लोकेशन को एक हजार तक ले जाने का मत रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया। शेष 36 लोकेशन के प्रस्ताव और शामिल किए जाएंगे। जिला पंजीयक उपेन्द्र झा ने बताया कि छिंदवाड़ा-पांढुर्ना की जमीनों में मूल्यवृद्धि पर कोई भी जनसामान्य 18 मार्च तक दावे-आपत्तियां प्रस्तुत कर सकता है। उसके बाद इस मूल्यवृद्धि प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए भोपाल को भेज दिया जाएगा, जहां से स्वीकृत जमीनों के मूल्य को एक अप्रेल से लागू कर दिया जाएगा।