इंग्लैंड की बल्लेबाजी दमदार, गेंदबाजी पर सवाल
इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने पिछले मैच में चैंपियंस ट्रॉफी इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया था जिसकी बदौलत इंग्लैंड ने भी इस प्रतियोगिता का सबसे बड़ा स्कोर बना डाला था। लेकिन ये रिकॉर्ड कुछ ही घंटे तक रहा क्योंकि इंग्लैंड के गेंदबाज 351 रन के स्कोर को भी डिफेंड नहीं कर पाए। ऑस्ट्रेलिया ने चैंपियंस ट्रॉफी इतिहास के सबसे बड़े चेज को अंजाम दे दिया था। इंग्लैंड की परेशानी उनकी गेंदबाजी है, मार्क वुड और जोफ्रा आर्चर जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज के रहते हुए भी पिछले मुकाबले में रनों के पहाड़ की भी रक्षा नहीं कर पाए थे। साथ ही साथ तेज गेंदबाज ब्राइडन कार्स भी चोट की वजह से टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं, कार्स की जगह लेग स्पिनर रेहान अहमद को दल में जोड़ा गया है। दूसरी तरफ अफगानिस्तान की परेशानी ये है कि अगर उनकी सलामी जोड़ी, रहमानउल्लाह गुरबाज और इब्राहिम जादरान, चल जाती है तो ये टीम बिल्कुल अलग लगती है। लेकिन इस जोड़ी को जल्दी तोड़ दिया गया तो फिर अफगानिस्तान का मिडिल ऑर्डर बिखर जाता है। लाहौर की पिच पर तेज गेंदबाजों को शुरुआत में मदद मिल सकती है लेकिन सबसे बड़ा रोल स्पिनर्स निभाएंगे और अगर इनकी फिरकी में दम दिखा तो फिर बड़ा स्कोर बनना मुश्किल हो जाएगा।
लाहौर की पिच का पेंच
लाहौर की पिच बल्लेबाजों के लिए जन्नत है जिसकी झलक यहां खेले गए ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड मुकाबले में हमने देखी थी। ऐसे में एक बार फिर रनों की बारिश की संभावना की जा सकती है। यहां अब तक खेले गए 75 मुकाबलों में 37 बार पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को जीत मिली है तो दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को 36 बार जीत मिली है। यहां पहली पारी का औसत स्कोर 255 रन है तो दूसरी पारी में 220 रन तक दर्ज हुआ है। हालांकि ये सिर्फ कागज पर दर्ज हुआ आंकड़ा है। असलियत ये है कि यहां 351 रन बनाकर भी इंग्लैंड पिछले मैच में जीत नहीं पाई थी। साथ ही शाम में ओस के आने के बाद गेंदबाजों के लिए और भी मुश्किल हो सकती है। लिहाजा टॉस जीतने वाली टीम यहां पहले गेंदबाजी करना ही चाहेगी।