गेंद को जमीन पर फेंककर जताई थी असहमति
दरअसल, ये घटना इंग्लैंड की पारी के 61वें ओवर में हुई। हैरी ब्रूक और बेन स्टोक्स बल्लेबाजी कर रहे थे। इसी बीच पंत को अंपायरों के साथ गेंद की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए देखा गया। जब अंपायरों ने बॉल गेज से गेंद की जांच करने के बाद उसे बदलने से मना कर दिया, तब पंत ने अंपायरों के सामने गेंद को जमीन पर फेंककर अपनी असहमति जताई।
अनुशासनात्मक सुनवाई नहीं की गई
आईसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऋषभ पंत के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक सुनवाई नहीं की गई है, क्योंकि पंत ने अपराध स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने ICC मैच रेफरी के एमिरेट्स और ICC एलीट पैनल के रिची रिचर्डसन की ओर से प्रस्तावित दंड को ही स्वीकार कर लिया। मैदानी अंपायर क्रिस गैफनी और पॉल रीफेल, तीसरे अंपायर शारफुद्दौला इब्ने शाहिद और चौथे अंपायर माइक बर्न्स ने उन पर आरोप लगाए थे।
आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन
बता दें कि पंत को खिलाड़ियों और खिलाड़ी सहायक कर्मियों के लिए आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन करते हुए पाया गया, जो “अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाने” से संबंधित है। लेवल 1 उल्लंघन के लिए न्यूनतम दंड आधिकारिक फटकार अधिकतम दंड खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत और एक या दो डिमेरिट अंक है।