ओपनर्स ने बनाया रिकॉर्ड
डकेट (64) और क्राली (42) ने न केवल अपनी चौथी शतकीय साझेदारी दर्ज की, बल्कि एलिस्टर कुक और एंड्रयू स्ट्रॉस के बाद 2,000 से अधिक रन बनाने वाली पहली इंग्लिश ओपनिंग जोड़ी भी बन गई। इस जोड़ी ने गेंद को मार मार के दशा खराब कर दी। लंच के ठीक पहले जडेजा के शिकायत करने पर गेंद बदल दी गई लेकिन मिली पुरानी। दरअसल टेस्ट क्रिकेट में 80 ओवर या पारी समाप्त होने के बाद नई गेंद फील्डिंग करने वाली टीम को दी जाती है लेकिन बीच में जिस ओवर में शेप बदल जाता है और गेंद बदली जाती है तो उतने ओवर पुरानी गेंद ही दी जाती है। इसलिए लंच के 2 ओवर पहले गेंद तो बदली लेकिन मिली पुरानी। इस जोड़ी ने शुरुआत में सावधानी बरती, खासकर फ्लडलाइट्स में नई गेंद के खिलाफ, लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर के आने के बाद उन्होंने सहजता हासिल कर ली। डकेट ने बाउंड्री की झड़ी लगाकर स्कोरिंग रेट बढ़ाया, उन्होंने 66 गेंदों पर शानदार स्ट्रोक्स – मुख्य रूप से कट और पुल के जरिए – के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया, जबकि कुछ साहसिक स्कूप भी लगाए जो सफल नहीं हुए।
भारत के लिए सबसे अच्छा मौका सत्र के अंत में आया, जब बुमराह ने बाएं ओर डाइव करते हुएकराली का एक हाथ से तेज रिटर्न कैच छोड़ दिया। इससे पहले, क्राली सिराज के एलबीडब्ल्यू रिव्यू से बच गए, जिसमें बॉल-ट्रैकिंग से पता चला कि गेंद लेग स्टंप के ऊपर से उछली होगी। हालांकि गेंदबाजों ने दबाव बनाए रखा, खासकर बुमराह ने, लेकिन मैदान से समर्थन की कमी और चूके हुए मौकों ने इंग्लैंड को नियंत्रण में रखा।
बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद, पहला सत्र बिना किसी रुकावट के चला, हालांकि ग्रे आसमान और फुल-बीम फ्लडलाइट्स ने गेंदबाजी के लिए परिस्थितियों को आदर्श बना दिया। हालांकि, यह इंग्लिश ओपनर थे जिन्होंने इसका सबसे अधिक लाभ उठाया, जिससे दूसरे और तीसरे सत्र में सभी चार परिणाम संभव हो सकते हैं, जो एक क्लासिक फिनिश बनने की ओर अग्रसर है।