छह कैच टपकाए
भारतीय फील्डरों ने इस टेस्ट मैच में अबतक छह कैच छोड़े हैं। 2019 के बादयह पहली बार हुआ है जब टीम ने टेस्ट मैच की पहली पारी में पांच या उससे अधिक मौके गंवाए हैं। सबसे खराब फील्डिंग युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल की रही। उन्होंने अकेले स्लिप में तीन कैच छोड़े हैं। ये तीनों मौके जसप्रीत बुमराह की गेंदों पर आए।
जिनका कैच छूटा, उन्होंने की बड़ी पारियां
जायसवाल ने जिन तीन बल्लेबाजों का कैच छोड़ा वे सभी बड़ी पारी खेलकर गए। पहला मौका दूसरे दिन आया, जब जायसवाल ने बेन डकेट का कैच छोड़ा। डकेट तब 15 रन पर थे और बाद में 62 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद, उन्होंने ओली पोप का कैच छोड़ा, जब वह 60 रन पर थे; पोप ने 106 रन की पारी खेली। तीसरे दिन, हैरी ब्रूक का कैच 83 रन पर छूटा, और वे 99 रन बनाकर पवेलियन लौटे। इन तीन बल्लेबाजों ने मिलकर 109 अतिरिक्त रन जोड़े, जिसके कारण इंग्लैंड भारत के स्कोर के करीब पहुंच गया और भारत की बढ़त केवल 6 रनों तक सीमित रह गई।
शुभमन गिल की कप्तानी पर उठे सवाल
इसके अलावा, पहली बार टेस्ट कप्तानी कर रहे शुभमन गिल की रणनीति पर भी सवाल उठे। गेंदबाजों के चयन और उनके इस्तेमाल में कमी दिखी। खासकर, फील्डिंग की सजावट में खामियां नजर आईं। यशस्वी बार-बार स्लिप में गलती कर रहे थे, लेकिन गिल ने उन्हें वहां से नहीं हटाया। साई सुदर्शन स्लिप के बेहतरीन फील्डर हैं और गिल यशस्वी की जगह उन्हें वहां लगा सकते थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यशस्वी ने ज़्यादातर गली में फील्डिंग की थी। ऐसे में उन्हें स्लिप में खड़ा करना कप्तान की बड़ी चूक थी।
बुमराह को देर से लाना भी पड़ा भारी
इसके अलावा जब इंग्लैंड के 8 विकेट गिर चुके थे, तब गिल ने बुमराह को अटैक ने लाने में देरी की। आखिरकार जब बुमराह गेंदबाजी करने आए, तो उन्होंने तुरंत क्रिस वोक्स और जोस टंग को आउट कर इंग्लिश पारी समेत दी। लेकिन तब तक इंग्लैंड भारत की बढ़त लगभग खत्म कर चुका था। वहीं, गिल ने शार्दुल ठाकुर को सिर्फ 6 ओवर दिए गए, जबकि उनकी फॉर्म को देखते हुए उन्हें और मौके मिल सकते थे। इसके अलावा शार्दुल नई गेंद से बेहतर गेंदबाजी करते हैं, लेकिन उन्हें 40वें ओवर में गेंदबाजी के लिए लाया गया।