कोहनी की गंभीर चोट और पीठ में स्ट्रेस फ्रैक्चर के कारण आर्चर लंबे समय तक रेड-बॉल क्रिकेट से बाहर थे। अब वह पूरी तरह फिट हैं और एक बार फिर इंग्लैंड की टेस्ट प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।
जोफ्रा आर्चर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2021 में खेला था। चोटों, रिहैब और मानसिक तनाव के लंबे दौर से गुजरने के बाद उन्होंने हाल ही में ससेक्स की ओर से डरहम के खिलाफ काउंटी क्रिकेट में 18 ओवर फेंककर फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में वापसी की है। इस प्रदर्शन ने उनके टेस्ट क्रिकेट में वापसी की संभावनाओं को हवा दी है। हालांकि, सिर्फ 18 ओवर की गेंदबाजी के आधार पर उन्हें टेस्ट जैसे लंबे प्रारूप में उतारना कई विशेषज्ञों को जोखिम भरा लग रहा है।
पूर्व इंग्लैंड कप्तान नासिर हुसैन ने कहा है कि हालांकि उन्हें आर्चर की इंग्लैंड की दूसरी टेस्ट के लिए चुनी गई टीम में वापसी देखकर खुशी हो रही है, लेकिन उनका मानना है कि इस हफ्ते उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करना “बहुत बड़ा जोखिम” है। हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स न्यूज पर कहा, “सबसे पहले आपको यह कहना होगा कि यह आर्चर और इंग्लैंड के लिए अच्छी खबर है। जोफ्रा को उन चोटों, रिहैब, दर्द, और बार-बार चोटिल होने और वापसी करने की मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा होगा, इसलिए उन्हें टीम में वापस देखना शानदार है। उन्होंने चार साल से टेस्ट मैच नहीं खेला है। अगर आप इंग्लैंड के प्रशंसक हैं, तो आपको जोफ्रा आर्चर को रेड-बॉल टीम में वापस देखकर खुशी होनी चाहिए।”
नासिर हुसैन ने आर्चर की वापसी को एक “जोखिम” करार देते हुए सवाल उठाया कि क्या एजबेस्टन टेस्ट इस जोखिम को लेने का सही समय है। उन्होंने कहा, “जोफ्रा को खिलाना एक जुआ है, लेकिन कभी न कभी यह जोखिम लेना ही पड़ेगा। सवाल यह है कि क्या इस हफ्ते वो सही वक्त है और अगर हां तो फिर सवाल यह है कि आप किसे बाहर करेंगे?” आर्चर की प्रतिभा और उनकी 150 किमी/घंटे की रफ्तार वाली गेंदबाजी इंग्लैंड के लिए हमेशा से तुरुप का इक्का रही है, लेकिन उनकी फिटनेस और लंबे प्रारूप की मांगों को देखते हुए चयनकर्ताओं के सामने बड़ा सवाल है।”
हुसैन ने आगे बताया कि अगर इंग्लैंड आर्चर को दूसरे टेस्ट और फिर लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में खिलाता है, तो यह गेंदबाज के शरीर के लिए बहुत ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा, “समस्या यह है कि तब वे तीन हफ्तों में तीन मैच खेल चुके होंगे, लॉर्ड्स टेस्ट उनका तीसरा मैच होगा, जबकि उन्होंने चार साल तक नहीं खेला। जब हमने इतना लंबा इंतजार किया है, तो जल्दी क्या है? एक हफ्ते और इंतजार क्यों नहीं करना, बस यह सुनिश्चित करने के लिए?”
हुसैन अकेले नहीं हैं जो मानते हैं कि इंग्लैंड को आर्चर को दूसरे टेस्ट में खेलाने की जल्दबाजी से बचना चाहिए। पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर माइकल वॉन भी इस राय में थे कि आर्चर को जल्दबाजी में इलेवन में वापस लाने की जरूरत नहीं है। इंग्लैंड ने पहला टेस्ट पांच विकेट से जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
हुसैन ने कहा, “मैं निश्चित रूप से एजबेस्टन टेस्ट में भी क्रिस वोक्स को ही खिलाना चाहूंगा, क्योंकि वे इस पिच को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। टीम को क्यों बदलना? उन्होंने अभी हेडिंग्ले में टेस्ट जीता है। उन्होंने सीरीज के लिए खुद को अच्छी तरह तैयार किया है। अगर मैं उनकी जगह होता, तो मेरा ईमानदार जवाब यह होता कि मैं आर्चर को तीसरे टेस्ट मैच के लिए बचा के रखूंगा।”