स्कूलों में हिंदी पढ़ाने के फैसले के विरोध में उद्धव और राज ठाकरे एक साथ मुंबई में 5 जुलाई को आंदोलन करने वाले हैं। इसकी जानकारी खुद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दी है। राउत ने कहा, महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एकजुट मार्च निकाला जाएगा।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर किया। इसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा, “महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एकजुट प्रदर्शन होगा। ठाकरे ही ब्रांड हैं।”
इसके अलावा, राउत ने एक अन्य पोस्ट भी शेयर की और इस तस्वीर में उद्धव और राज ठाकरे एक साथ खड़े हुए दिख रहे हैं, जबकि उनके पीछे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर दिख रही है। उन्होंने इस फोटो के साथ कैप्शन में लिखा, “महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने के खिलाफ एक ही एकजुट मोर्चा निकाला जाएगा! जय महाराष्ट्र!”
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा विवाद के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने गुरुवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की है। हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किए जाने का विरोध सबसे ज्यादा मनसे ही कर रही है। इसी वजह से शिक्षा मंत्री उनसे मिलने उनके आवास गए थे। हालांकि मुलाकात बेनतीजा रही है। इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकल पाया।
इसके बाद राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च का आह्वान किया था और उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की घोषणा की, लेकिन बाद में दोनों ने एक साथ 5 जुलाई को आंदोलन करने का फैसला किया। मनसे ने 5 जुलाई को सुबह 10 बजे मुंबई में गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक विरोध मोर्चा निकालने की घोषणा की है।
इससे पहले, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में हिंदी थोपे जाने को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया और बीजेपी पर भाषा के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, “महायुति सरकार राज्य पर ‘हिंदी लादने’ की कोशिश कर रही है। उनका किसी भाषा या हिंदी भाषी समुदाय से कोई विरोध नहीं है, बल्कि वह जबरन किसी भाषा को थोपने के खिलाफ हैं।“ उन्होंने आरोप लगाया था, “बीजेपी की ‘बांटने और काटने’ की नीति स्पष्ट है। वह मराठी और अन्य भाषियों के बीच जो एकता है, उसे खत्म करने की कोशिश कर रही है।”