10 हज़ार रन का आंकड़ा छूने से चूके
कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 123 मैचों की 210 पारियों में 46.85 की शानदार औसत से 9,230 रन बनाए हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार रन पूरे करने से केवल 770 रन दूर थे। यदि वे एक या दो और सीरीज़ खेलते, तो शायद इस उपलब्धि को हासिल कर सकते थे। अगर कोहली 10 हज़ार रन पूरे कर लेते, तो वे टेस्ट क्रिकेट में यह आंकड़ा पार करने वाले दुनिया के 16वें और चौथे भारतीय खिलाड़ी बन जाते। भारत के लिए अब तक केवल तीन बल्लेबाज़ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (15,921 रन), पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (13,265 रन) और महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर (10,122 रन) इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एक्टिव खिलाड़ी
विराट कोहली, भारत के लिए टेस्ट में सबसे अधिक रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज़ हैं। वहीं अगर सक्रिय (एक्टिव) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों की बात करें, तो इसमें भी कोहली चौथे स्थान पर थे। इस सूची में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट (12,972 रन), ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज बल्लेबाक स्टीव स्मिथ (10,271 रन) और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान केन विलियमसन (9,276 रन) उनसे ऊपर हैं। इनमें से रूट और स्मिथ पहले ही 10 हज़ार रन क्लब में शामिल हो चुके हैं। यह भी पढ़ें:
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साल 2019 से 2024 के बीच विराट कोहली ने 46 टेस्ट मैचों की 78 पारियों में 35.84 की औसत से कुल 2,617 रन बनाए। इस अवधि में उनके बल्ले से 5 शतक और 11 अर्धशतक निकले। कोहली ने 2019 में 2 शतक, 2023 में 2 शतक और 2024 में 1 शतक लगाया। हालांकि, 2020, 2021 और 2022 में वे एक भी शतक नहीं लगा सके। इस दौरान वे भारत के लिए 19 टेस्ट मैचों में खेले, लेकिन बड़ी पारियों के लिए संघर्ष करते रहे। यह आंकड़े उनके टेस्ट करियर के अंतिम वर्षों में आई गिरावट को दर्शाते हैं, जो उनके संन्यास के फैसले की एक अहम पृष्ठभूमि माने जा सकते हैं।