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जलदाय विभाग और ठेकेदार की लापरवाही से किसान की मौत, शव के साथ धरने पर बैठे गुस्साए ग्रामीण

जलदाय विभाग और ठेकेदार की लापरवाही से एक किसान की जान चली गई। इस पर ग्रामीणों ने विरोध—प्रदर्शन किया।

दौसाJan 29, 2025 / 03:28 pm

Anil Prajapat

बांदीकुई। जलदाय विभाग और ठेकेदार की लापरवाही से एक किसान की जान चली गई। महुखेडा गांव में ईसरदा की पाइप लाइन डालने के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरने से किसान कालूराम सैनी (50) की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि किसान मंगलवार सुबह खेत में सिंचाई के लिए जा रहा था। तभी उसके मकान से करीब 6 सौ मीटर दूरी पर पाइप लाइन के लिए खोदे करीब सात फीट गहरे गड्ढे में गिर गया।
जिसका पता वहां से गुजर रहे लोगों को चला तो मशक्कत के बाद उसको गड्ढे से बाहर निकाल बांदीकुई उप जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि सिर में गंभीर चोट लगने के कारण कालूराम की मौत हुई है।

आर्थिक मदद की मांग

मौत की सूचना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण उपजिला अस्पताल में पहुंचे। साथ ही सरपंच पुष्पेन्द्र शर्मा व पंचायत समिति सदस्य मनोज मीना ने मौके पर पहुंचकर जलदाय विभाग के जिम्मेदारों व ठेकेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि इन गड्ढों को बंद करने के लिए पिछले दिनों से मांग की जा रही थी, लेकिन अधिकारियों व संवेदकों ने गंभीरता नहीं दिखाई और इन्हें बंद नहीं किया। इसके चलते यह हादसा हुआ है।
उन्होंने मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने व लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

शव लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन

पुलिस ने उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। जिसको लेकर ग्रामीण महुखुर्द गांव में धरने पर बैठ गए। शव के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने धरने पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया और कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को मौके पर आने की बात कही।
उन्होंने प्रशासन से परिवारजनों को आर्थिक मदद दिलाने की मांग को लेकर पांच सदस्यीय संघर्ष कमेटी का गठन भी किया। जिसमें ग्रामीणों ने परिवारजनों को 30 लाख रुपए का मुआवजा व प्रोजेक्ट कंपनी में परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी दिलाने की मांग की गई। सरपंच पुष्पेन्द्र शर्मा ने बताया कि किसान कालूराम सैनी की मौत के बाद अब उसके परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया है।
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सांसद और विधायक मौके पर पहुंचे

पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीण शव लेकर महुखेडा गांव पहुंचे और करीब डेढ़ बजे आर्थिक मदद और आश्रित को नौकरी देने की मांग पर धरना शुरू किया। इस पर महुवा विधायक राजेंद्र मीना ने गंभीरता दिखाकर पुलिस प्रशासन और पेयजल योजना की संवेदक कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की। सांसद मुरारीलाल मीना, तहसीलदार प्रकाश मीना, थानाधिकारी जनमेजा राम मीना और सीओ रोहिताश्व देवंदा भी मौके पर पहुंचे।
प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील श्रीवास्तव को मौके पर बुलाया। कंपनी की ओर से पांच लाख रुपए की मदद और आश्रित को नौकरी देने पर सहमति बनी। भामाशाह केदार मीना ने भी 51 हजार की आर्थिक सहायता दी। सहमति के बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एसडीएम अमित वर्मा, तहसीलदार प्रकाश मीना भी थे।

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